ग्रीष्म अवकाश के दौरान अपनी दिनचर्या को व्यक्त करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए
Answers
वाराणसी ।
दिनांक = 28-5-2018
प्रिय मित्र सुमित ,
सप्रेम नमस्ते ।
कैसे हो तुम्हारा पत्र मिला । मुझे यह जानकर अति प्रसन्नता हो रही हैं कि तुम अपनी छुट्टीयाँ मनाने बंगलोर जा रहे हो ।और एक सप्ताह बाद आ रहे हो ।
मैं यहाँ अपने गाँव आया हूँ यार । यहाँ दोस्तो के साथ बड़ी मस्ती होती हैं । हम सभी यहाँ सुबह 5 बजे से ही उठ कर क्रिकेट खेलते हैं । और कबड्डी तो मेरे गाँव की शान हैं , मजा ही आ जाता हैं देखने में । अब तो मैं भी थोड़ी - थोड़ी कबड्डी खेलना सीख गया हूँ । यहाँ के लोग बहुत अच्छे हैं । वे एक - दूसरे की बहुत मदद करते हैं । मैं अपनी हर छुट्टी में यहाँ आना चाहूँगा ।
मैं तुम्हें भी गाँवो की खुशी से परिचित करना चाहता हूँ । तुम 7 दिन बाद वापस आ रहे हो ।
मेरे गाँव जरूर आना , मैं तुम्हें लेने आऊँगा ।
तुम्हारा प्रिय मित्र
लवली
ग्रीष्म अवकाश के दौरान अपनी दिनचर्या को व्यक्त करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए
Answer:
न्यू शिमला सेक्टर-1
शिमला
171001
प्रिय ज्योति ,
क्या हाल है? क्या तुमने मुझे याद किया? मैं ठीक हूं और मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही है। मैं तुम्हें इस पत्र में अपनी ग्रीष्म की छुट्टी (देहरादून) की यात्रा के बारे में बताना चाहती हूँ| हमारी ग्रीष्म की छुट्टी एक सप्ताह से पहले शुरू हो गई है और मेरी देहरादून घुमने गई । मुझे वहां बहुत मज़ा आया और बहुत मज़ा आया। वहां हम KEMPTY FALL गए और हमने ऋषिकेश में RAFTING किया। तुम पहले से ही जानते हैं कि मुझे पहाड़ी क्षेत्रों और सर्दियों के मौसम से कितना प्यार है और इसीलिए मुझे बहुत मज़ा आया और मैं सिर्फ पहाड़ों को देख रही थी और मैंने भी मौनी क्लिनिंग की थी। मैं तुम्हें वहां जाने का सुझाव दूंगी और मुझे उम्मीद है कि आपको यह पसंद आएगा। अपनी पढ़ाई और अपने ख्याल रखना। मुझे आपके पत्र का इंतजार रहेगा।
आपकी सहेली,
आरती |