ग्रीष्मावकाश आपने किस प्रकार बिताया-अपने अनुभव को निबंध के
रूप में लिखिए।
Answers
घर पर रहकर मैंने ये सारी चीजें की-
मैंने गर्मी की छुट्टी में यात्रा करने के बजाय घर पर रहने का फैसला किया है ताकि मैं अपना समय अच्छे से तथा आरामपुर्वक बिता सकूँ इसके लिए मैंने कैनवास चित्रकला की कक्षाओं में भाग लिया है जहां चित्रकला के साथ-साथ मैंने टेबल टेनिस भी सीखना शुरू कर दिया। दोपहर के समय में मैं रसोई के कामों में अपनी माँ की मदद किया करती थी और कुछ खातों से संबंधित कार्यों में अपने पिता की सहायता किया करती थी, यह मेरे लिए सबसे अच्छा समय था जहां मुझे अपने परिवार के और करीब आने का मौका मिला। उसके बाद बचे हुए समय में, मैं अपने दोस्तों के साथ बहार घूमने जाया करती थी। फिल्में और वेब श्रृंखला देखा करती थी तथा मनोरंजन का भरपुर आनंद लेती थी। इससे मनोरंजन के साथ-साथ जीवन के कुछ पाठ भी सीखने को मिला।
निष्कर्ष
इन गर्मी की छुट्टियों को मैने अपने और अपने परिवार के करीब रहकर बिताने का फैसला किया जो मैं अपने शैक्षणिक वर्ष के दौरान नहीं कर पा रहा था। मुझे एहसास हुआ कि घर पर छुट्टियां बिताना कितना उपयोगी और संतोषजनक होता है।
Answer:
" ग्रीष्मावकाश का अनुभव "
मेरा विद्यालय 14 माई को ग्रीष्मावकाश की वजह से बंद हो गया | मुझे मैंने पहले ही घर जाने की योजना बना ली थी। मैंने जल्दी से अपना सामान पैक किया और स्कूल के बंद होने के बाद शहर के लिए पहली ट्रेन में सवार होकर निकल गया। रात को मैं अपने घर पहुंचा। बहुत दिनों के बाद मेरी माँ मुझे देखकर बहुत खुश हुई और उसने मुझे गले से लगा लिया। अगले दिन मेरे दोस्त मुझसे मिलने आए। मैं भी उनसे बहुत गर्मजोशी से मिला । मैं रात में अपने कुछ दोस्तों के साथ घूमने गया था । रास्ते में कई पुरानी जगहें आपको अमीर बना सकती हैं । मुझे मेरी छुट्टियों के दौरान कुछ स्कूल का काम दिया गया था। सुबह होते ही मैं वह काम पूरा कर लेता। नए दोस्तों से मिलने और स्कूल का काम इस तरह से करवाने में मुझे दो हफ्ते लगे। पढ़ाई को दोहराने का काम आखिरी काम था।मुझे यह भी पता नहीं चला कि मुझे घर आए कितने दिन हो गए हैं। पंद्रहवें दिन मुझे अपने बड़े भाई का एक पत्र मिला। वे आगरा में रहते थे। उन्होंने मुझे आगरा आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए लिखा। इस प्रस्ताव को पढ़कर मुझे इससे प्यार हो गया, लेकिन थोड़ी देर बाद इसे याद करते ही मेरा उत्साह फीका पड़ गया। कभी-कभी वह मुझे बुरे लड़कों की संगति से दूर रहने के लिए कहता था। कभी-कभी नानाजी मुझे अपने बचपन की कहानियाँ सुनाते थे । कुछ ही दिनों में मुझे गाँव के अन्य बच्चों के बारे में भी पता चला। दिन में मैं उसके साथ आम के बाग में खेलता था, जो घने पेड़ों के नीचे छिपा हुआ था । मैं वहां दो सप्ताह तक रहा। मैं स्कूल में अपने दिन की शुरुआत करने वाला था, इसलिए मैं अपनी माँ को वहीं छोड़ कर अकेला घर लौट आया। जुलाई का महीना अब नजदीक आ रहा था। मेरा स्कूल 8 जुलाई को खुलेगा। बाकी सारी बातें भूलकर मैंने अगले साल की तैयारी शुरू कर दी। इसके अतिरिक्त, मेरा पाठ दोहराया जा रहा है। अंतत: गर्मी की छुट्टियाँ समाप्त हो गईं और मैं 8 जुलाई को नई पुस्तकों और सामग्रियों के साथ स्कूल लौट आया। छुट्टियां अभी भी ताजा हैं।
#SPJ2