ग्रीष्मकाल में जल को मिट्टी के बर्तन में रखने पर किस परिघटना के कारण वह ठंडा हो जाता है?
(a) विसरण
(b) वाष्पोत्सर्जन
(c) परासरण
(d) वाष्पन
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सही विकल्प होगा...
✔ (d) वाष्पन
व्याख्या :
ग्रीष्म काल में जल को मिट्टी के बर्तन में रखने पर ‘वाष्पन’ के कारण जल ठंडा हो जाता है।
- जब जल को मिट्टी के पात्र (घड़े आदि) के अंदर रखा जाता है तो वह जल नन्ही-नन्ही बूंदों के रूप में मिट्टी के पात्र की सतह पर जमा हो जाता है।
- मिट्टी के पात्र में असंख्य छोटे-छोटे क्षेत्र होते हैं, जिनके माध्यम से जल्द नन्ही नन्ही बूंदों के रूप में मिट्टी के पात्र की सतह पर जमा हो जाता है। ये बूंदे वाष्पन की क्रिया के कारण वाष्प में परिवर्तित होने लगती हैं।
- वाष्प में परिवर्तित होने के लिए इन बूंदों को ऊर्जा की आवश्यकता होती है जोकि वह पात्र के अंदर स्थित जल से प्राप्त करती हैं, जिसके कारण जल का तापमान घटता जाता है और वह जल ठंडा हो जाता है।
- अतः किसी ग्रीष्म काल में किसी मिट्टी के बर्तन जैसे की घड़ा आदि में जल रखने पर ‘वाष्पन’ के कारण वह ठंडा हो जाता है।
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