India Languages, asked by prachimaharana53, 6 months ago

ग्रीष्मऋतु: कयो: मासयो: भवति?​

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Answered by dholpuriyalalita
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Answer:

भारत में सामान्यतया 15 मार्च से 15 जून तक ग्रीष्म मानी जाती है। इस समय तक सूर्य भूमध्य रेखा से कर्क रेखा की ओर बढ़ता है, जिससे सम्पूर्ण देश में तापमान में वृद्धि होने लगती है। इस समय सूर्य के कर्क रेखा की ओर अग्रसर होने के साथ ही तापमान का अधिकतम बिन्दु भी क्रमशः दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ता जाता है और मई के अन्त में देश के उत्तरी-पश्चिमी भाग में यह 48 सें.गे. तक पहुँच जाता है। इस समय उत्तरी भारत अधिकतम तापमान तथा न्यूनतम वायुदाब के क्षेत्र में परिवर्तित होने लगता है। उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित थार मरुस्थल पर मिलने वाला न्यूनतम वायुदाब क्षेत्र बढ़कर सम्पूर्ण छोटा नागपुर पठार को भी आवृत कर लेता है, जिसके कारण स्थानीय एवं सागरीय आर्द्र हवाओं का परिसंचरण इस ओर प्रारम्भ हो जाता है और स्थानीय प्रबल तूफानों का जन्म होता है। मूसलाधर वर्षा एवं ओलों के गिरने यहाँ तीव्रगति वाले प्रचण्ड तूफान भी बन जाते हैं, जिनका कारण स्थलीय गर्म एवं शुष्क वायु का सागरीय आर्द्र वायु से मिलना है।

उत्तर पश्चिमी भारत के शुष्क भागों में इस समय चलने वाली गर्म एवं शुष्क हवाओं को 'लू' कहा जाता है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रायः शाम के समय धूल भरी आँधियाँ आती है, जिनके कारण दृश्यता तक कम हो जाती है। धूल की प्रकृति एवं रंग के आधार पर इन्हें काली अथवा पीली आँधियां कहा जाता है। सामुद्रिक प्रभाव के कारण दक्षिण भारत में इन गर्म पवनों तथा आँधियों का अभाव पाया जाता है।

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