| गुस्से से उबली
बोली-ये धागे
या हैं मेरे पीछे-आगे?
तोड़ दो;
मेरे पाँवों पर छोड़ दो।
सुनकर बोलीं और-और
कठपुतलियाँ
कि हाँ,
बहुत दिन हुए
हमें अपने मन के छंद छुए।
गार्जुन
ली कठपुतली सोचने लगी-
कैसी इच्छा
मन में जगी?
who is the writer
of the pome
Answers
Answered by
2
bhvani Prasad mishra is the writer of the poem
diya2934:
Good
Similar questions