Hindi, asked by vinayak2567, 9 months ago

(ग) “शोक विकल सब रोवहिं रानी।
रूप शील बल तेज बखानी।।
करहिं विलाप अनेक प्रकारा।
परहिं भूमि-तल बारहिं बारा ।।"
उपरोक्त पंक्ति में कौन-सा स्थायी भाव है?
च) रस का सूत्र लिखिए।​

Answers

Answered by bhatiamona
17

(ग) “शोक विकल सब रोवहिं रानी।

रूप शील बल तेज बखानी।।

करहिं विलाप अनेक प्रकारा।

परहिं भूमि-तल बारहिं बारा ।।"

उपरोक्त पंक्ति में  स्थायी भाव शोक है |

उपरोक्त पंक्ति में करुण रस है|

करुण रस का स्थायी भाव शोक होता है इस रस में किसी अपने का विनाश या अपने का वियोग, एवं प्रेमी से सदैव विछुड़ जाने या दूर चले जाने से जो दुःख या वेदना उत्पन्न होती है उसे करुण रस कहते हैं|

उपरोक्त पंक्ति  का अर्थ है ,

सब रानियाँ शोक के मारे व्याकुल होकर रो रही हैं। वे राजा के रूप, शील, बल और तेज का बखान कर-करके अनेकों प्रकार से विलाप कर रही हैं और बार-बार धरती पर गिर-गिर पड़ती हैं|

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निम्नलिखित काव्य पंक्ति में प्रयुक्त रस का नाम लिखिए-

धात्री सुभद्रा को समझकर माँ मुझे था मानता।

पर आज तू ऐसा हुआ मानो न था पहचानता।​

https://brainly.in/question/14153030

Answered by makhilan77
8

“शोक विकल सब रोवहिं रानी।

रूप शील बल तेज बखानी।।

करहिं विलाप अनेक प्रकारा।

परहिं भूमि-तल बारहिं बारा ।।

इसमें करुण रस का प्रयोग है।

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