१) गीता का वर्ग चलाया। इसमें छह विद्यार्थियों को अर्थ दिहत सारी गीता सिखाई बिना पारिश्रमिक के।
२) ज्ञानेश्वरी छह अध्याय । इस वर्ग में चार विद्यार्थी थे।
३) उपनिषद नौ इस वर्ग में दो विद्यार्थी रहे।
४) हिंदी प्रचार में स्वयं अच्छी हिंदी नहीं जानता । फिर भी विद्यार्थियों को हिंदी के समाचार-पत्र पढ़ने-पढ़ाने का
क्रम रखा।
५) अंग्रेजी दो विद्यार्थियों को सिखाई।
६) यात्रा लगभग चारसौ मीलपैदल । राजगढ़, सिंहगढ़, तोरणगढ आदि इतिहास प्रसिद्ध किले देखें।
७) प्रवास करते समय गीता जी पर प्रवचन करने का क्रम भी रखा था। आजतक ऐसे कोई पचास प्रबंधन किए। अबया
से आश्रम आते हुए पहले पैदल मुबई जाऊँगा और यहाँ से रेल से आश्रम पहुंधूंगा। मेरे साथ पचीस यर्थ का एक विद्या
प्रवास कर रहा है । मुझसे गीता सीखने का उसका विचार है। में अधिक से अधिक चैत्र शुक्ल १ को आश्रम पहपूण
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i don't know what asking the question
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answer patva ki tu Mubara
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