Hindi, asked by sharmaaangel72, 21 days ago

गाता खग‘ पाठ के आधार पर प्रकृ तत पर आधाररत सचित कोई एक सुन्दर कचिता ​

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Answered by sushantkumar25471
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Answer:

गाता खग प्रातः उठकर—

सुन्दर, सुखमय जग-जीवन!

गाता खग सन्ध्या-तट पर—

मंगल, मधुमय जग-जीवन!

कहती अपलक तारावलि

अपनी आँखों का अनुभव,--

अवलोक आँख आँसू की

भर आतीं आँखें नीरव!

हँसमुख प्रसून सिखलाते

पल भर है, जो हँस पाओ,

अपने उर की सौरभ से

जग का आँगन भर जाओ।

उठ-उठ लहरें कहतीं यह

हम कूल विलोक न पावें,

पर इस उमंग में बह-बह

नित आगे बढ़ती जावें।

कँप-कँप हिलोर रह जाती—

रे मिलता नहीं किनारा!

बुद्बुद् विलीन हो चुपके

पा जाता आशय सारा।

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