Sociology, asked by Jajbd, 10 months ago

गीत लिखिए ' निर्माणों के पवन ' ।​

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Answered by jack6778
7

Answer:

निर्माणों के पवन युग में हम चरित्र निर्माण न भूलें

स्वार्थ साधना की आंधी में वसुधा का कल्याण न भूलें

माना अगम अगाध सिंधु है संघर्षों का पार नहीं है ।

किन्तु डूब ना माझधरो में साहस को स्वीकार नहीं है।

जटिल समस्या सुलझाने को नूतन अनुसंधान न भूलें

शील विनय आदर्श श्रेष्ठता तार बिना झंकार नहीं है ।

शिक्षा क्या स्वर साध सकेगी यदि नैतिक आधार नहीं है।

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