India Languages, asked by omansh76, 1 month ago

गीता में कितने प्रकार के यज्ञ बताए गए हैं?​

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Answered by Anonymous
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पांच यज्ञ ही प्रधान माने गये हैं – 1. अग्नि होत्रम्, 2. दर्शपौर्णमास, 3. चातुर्मास्य, 4. पशुयाग, 5. सोमयज्ञ, ये पाॅंच प्रकार के यज्ञ कहे गये हैं, ये सभी श्रुति प्रतिपादित हैं! वेदों में श्रौत यज्ञों की अत्यन्त महिमा वर्णित है। श्रौत यज्ञों को श्रेष्ठतम कर्म कहा है!

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