Hindi, asked by rtharigaammujan5, 9 months ago

गीत में सीने और वाँहो में फौलादी कयो कहा गया है?

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Answered by smly1625
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Answer:

साथी हाथ बढ़ाना साहिर लुधियानवी द्वारा लिखा एक उत्साहवर्धक गीत है। यह गीत मेहनतकश लोगों को संबोधित किया गया है।साहिर लुधियानवी कहते हैं कि व्यक्ति को मिलजुल कर काम करना चाहिए। एक व्यक्ति काम करने से थक सकता है किंतु यदि मिलजुल कर काम किया जाए तो काम जल्दी हो जाता है और वह कठिन से कठिन कार्य को भी सरलता से कर सकता है। मनुष्य अपने परिश्रम के बल पर अपना भाग्य बदल सकता है।

साथी हाथ बढ़ाना साहिर लुधियानवी द्वारा लिखा एक उत्साहवर्धक गीत है। यह गीत मेहनतकश लोगों को संबोधित किया गया है।साहिर लुधियानवी कहते हैं कि व्यक्ति को मिलजुल कर काम करना चाहिए। एक व्यक्ति काम करने से थक सकता है किंतु यदि मिलजुल कर काम किया जाए तो काम जल्दी हो जाता है और वह कठिन से कठिन कार्य को भी सरलता से कर सकता है। मनुष्य अपने परिश्रम के बल पर अपना भाग्य बदल सकता है।उत्तर:-

साथी हाथ बढ़ाना साहिर लुधियानवी द्वारा लिखा एक उत्साहवर्धक गीत है। यह गीत मेहनतकश लोगों को संबोधित किया गया है।साहिर लुधियानवी कहते हैं कि व्यक्ति को मिलजुल कर काम करना चाहिए। एक व्यक्ति काम करने से थक सकता है किंतु यदि मिलजुल कर काम किया जाए तो काम जल्दी हो जाता है और वह कठिन से कठिन कार्य को भी सरलता से कर सकता है। मनुष्य अपने परिश्रम के बल पर अपना भाग्य बदल सकता है।उत्तर:-फौलादी का अर्थ है फौलाद अर्थात लोहे से बना हुआ। मेहनत करने वाले व्यक्ति सारी मुसीबतों को अपने सीने पर झेलते हैं और अपने बाहों से वह कठिन से कठिन कार्य भी करते हैं। मनुष्य की बाहों में परिश्रम करने की असीम ताकत तथा सीने में दृढ़ निश्चय है उनके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है। इसी कारण गीत में सीने और बाहों को फौलादी कहा गया है।

साथी हाथ बढ़ाना साहिर लुधियानवी द्वारा लिखा एक उत्साहवर्धक गीत है। यह गीत मेहनतकश लोगों को संबोधित किया गया है।साहिर लुधियानवी कहते हैं कि व्यक्ति को मिलजुल कर काम करना चाहिए। एक व्यक्ति काम करने से थक सकता है किंतु यदि मिलजुल कर काम किया जाए तो काम जल्दी हो जाता है और वह कठिन से कठिन कार्य को भी सरलता से कर सकता है। मनुष्य अपने परिश्रम के बल पर अपना भाग्य बदल सकता है।उत्तर:-फौलादी का अर्थ है फौलाद अर्थात लोहे से बना हुआ। मेहनत करने वाले व्यक्ति सारी मुसीबतों को अपने सीने पर झेलते हैं और अपने बाहों से वह कठिन से कठिन कार्य भी करते हैं। मनुष्य की बाहों में परिश्रम करने की असीम ताकत तथा सीने में दृढ़ निश्चय है उनके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं है। इसी कारण गीत में सीने और बाहों को फौलादी कहा गया है।आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।

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