Political Science, asked by rahultonde958, 4 days ago

गुट निरपेक्ष आंदोलन की विशेषताएं को स्पष्ट कीजिए​

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Answered by shishir303
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गुट-निरपेक्ष आंदोलन की विशेषतायें...

  • गुटनिरपेक्ष आंदोलन एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जिसमें ऐसे देश होते हैं, जो विश्व में किसी भी गुट से संबंध नहीं रखते हैं।
  • इस आंदोलन की स्थापना 1961 में भारत के प्रधानमंत्री तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, मिस्र के तत्कालीन राष्ट्रपति गमाल अब्दुल नासिर, युगोस्लाविया के तत्कालीन राष्ट्रपति जोसिप बरोज टीटो तथा इंडोनेशिया के तत्कालीन शासक डॉक्टर सुकर्णो और घाना के तत्कालीन शासक क्वामें एन्क्रूमा ने मिलकर की थी।
  • इस आंदोलन का पहला सम्मेलन 1961 में बेलग्रेड में आयोजित किया गया था, जिसमें जवाहरलाल नेहरू, सुकर्णों, नासिर, टीटो और एन्क्रूमा जैसे नेताओं ने भाग लिया।
  • 1960 के दशक में जब साम्यवादी सोवियत संघ और पूंजीवादी अमेरिका के बीच शीत युद्ध आरंभ हो गया, तब दोनों पक्षों के गुट बनने लगे जो एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने लगे। ऐसी स्थिति में भारत और कुछ अन्य देशों ने मिलकर निश्चय किया कि वह किसी भी गुट का अनुसरण नहीं करेंगे और दोनों गुटों से दूरी बनाकर रखेंगे। इसलिए उन्होंने एक गुट निरपेक्ष आंदोलन की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य किसी भी गुट का अनुसरण ना करने वाले देशों के हितों की सुरक्षा करना था।
  • गुट-निरपेक्ष आंदोलन के ज्यादातर देश आज भी विकासशील व पिछड़े हुए हैं । इस कारण विकसित देशों द्वारा उनका शोषण संभव है । ऐसे में जरूरी है कि वह गुट-निरपेक्ष आंदोलन के अन्य देशों से जुड़े रहे और विकसित देशों पर दबाव बनाए।
  • विकासशील देशों के सामने अभी भी बहुत सारी समस्याएं हैं, गुट-निरपेक्ष आंदोलन में एक-दूसरे के साथ आकर अपनी-अपनी समस्याओं से निबट सकते हैं।
  • भारत जैसे कई विकासशील देश आज भी अपनी विदेश नीति के रूप में गुट-निरपेक्ष आंदोलन की नीति का अनुसरण करते हैं।
  • विकासशील देशों को अपने हितों की रक्षा के लिए एक मंच पर बने रहना बहुत जरूरी है।
  • गुट-निरपेक्ष आंदोलन आज 120 सदस्य देश हैं।

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Answered by barani79530
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