Political Science, asked by abhisrt8986, 11 months ago

गुट – निरपेक्षता की नीति का जन्म किस कारण से हुआ था?

Answers

Answered by aryan12326
2

Answer:

लेकिन सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी तनाव का मसला हावी रहने की संभावना है.

शिखर सम्मेलन में 55 देशों के नेता हिस्सा ले रहे हैं.

सम्मेलन से पहले भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय से ही गुट-निरपेक्षता भारतीय विदेश नीति का आधार रहा है.

उनका कहना था," शीत युद्ध के ख़त्म होने के बाद, जब विश्व अब दो सैन्य खेमों में नहीं बटा हुआ है, ऐसे में नई वैश्विक व्यवस्था में गुट निरपेक्ष सम्मेलन को अहम भूमिका निभानी होगी."

भारत-पाक वार्ता

उम्मीद जताई जा रही है कि गुरुवार को भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शर्म अल शेख में मुलाक़ात करेंगे.

पिछले साल मुंबई में हुए हमलों के बाद दोनों देशों के नेताओं के बीच ये दूसरी अहम बैठक होगी.

कुछ दिन पहले पाकिस्तान में पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जमात उल दावा के प्रमुख हाफ़िज़ मोहम्मद सईद के ख़िलाफ़ वो याचिका वापस लेना चाहती है. भारत इस मुद्दे पर भी पाकिस्तान से बात कर सकता है.

गुट निरपेक्ष सम्मेलन की शुरुआत क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो के भाषण से होगी जहाँ मिस्र क्यूबा से गुट निरपेक्ष सम्मेलन की अध्यक्षता लेगा.

भारत और मिस्र दोनों गुट निरपेक्ष आंदोलन (नैम) के संस्थापक देशों में से हैं. संयुक्त राष्ट्र के बाहर ये देशों का सबसे बड़ा गुट है. इसका गठन 1955 में शीत युद्ध के दौरान किया गया था जब विश्व अमरीका और तत्कालीन सोवियत संघ के बीच बटा हुआ था.

ये गुट विश्व की 56 फ़ीसदी आबादी का प्रतिनिधित्व करता है.

नैम के सदस्य विश्व में किसी भी गुट के साथ ख़ुद को नहीं जोड़ कर नहीं देखते हैं.

गुट निरपेक्ष देशों के सदस्य हर तीन साल बाद मिलते हैं.

इसमें अफ़्रीका के 53 देश, एशिया के 38, लातिन अमरीका और कैरिबियाई द्वीप से 26 और यूरोप का एक देश (बेलारुस) शामिल है. इसमें 16 देश बतौर पर्यवेक्षक शामिल हैं और नौ पर्यवेक्षक संगठन है.

अगला सम्मेलन ईरान में होगा.

Similar questions