गीत रे देहरी के दीप सा बन में कौन सा अलंकार है
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I'm sorry but I don't know the answer but here is the poem
Explanation:
डॉ. हरिवंशराय बच्चन
गीत मेरे, देहरी का दीप-सा बन।
एक दुनिया है हृदय में, मानता हूं,
वह घिरी तम से, इसे भी जानता हूं,
छा रहा है किंतु बाहर भी तिमिर-घन,
गीत मेरे, देहरी का दीप-सा बन।
प्राण की लौ से तुझे जिस काल बारुं,
और अपने कंठ पर तुझको संवारूं,
कह उठे संसार, आया ज्योति का क्षण,डॉ. हरिवंशराय बच्चन
गीत मेरे, देहरी का दीप-सा बन।
एक दुनिया है हृदय में, मानता हूं,
वह घिरी तम से, इसे भी जानता हूं,
छा रहा है किंतु बाहर भी तिमिर-घन,
गीत मेरे, देहरी का दीप-सा बन।
प्राण की लौ से तुझे जिस काल बारुं,
और अपने कंठ पर तुझको संवारूं,
कह उठे संसार, आया ज्योति का क्षण,
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upma alankar yes this answer is correct
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