गुटनिरपेक्षता से क्या अभिप्राय है
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गुटनिरपेक्षता से तात्पर्य विश्व स्तर पर उस नीति से होता है, जब किसी विषय को लेकर देशों के अलग-अलग गुट बन रहे हों और कोई देश किसी भी गुट में शामिल ना हो, वह तटस्थ भाव से रहे तथा किसी भी गुट की नीति का ना समर्थन करे ना विरोध करें। ऐसी स्थिति को गुटनिरपेक्षता कहा जाता है।
संसार में समय-समय अलग-अलग महाशक्तियों के बीच टकराव चलता रहता है। ऐसी स्थिति में महाशक्तियों के गुट बनने लगते हैं। कोई देश किसी महाशक्ति के पक्ष में चला जाता है, तो कोई देश दूसरी महाशक्ति के पक्ष में चला जाता है। लेकिन ऐसे देश भी होते हैं जो किसी भी महाशक्ति या गुट का समर्थन नहीं करते और गुटनिरपेक्षता की नीति अपनाते हैं।
1960 के दशक में सोवियत संघ के नेतृत्व वाले साम्यवादी गुट और अमेरिका के नेतृत्व वाले पूंजीवादी गुट के बीच शीत युद्ध चल रहा था, लेकिन भारत दोनों में से किसी भी गुट में शामिल नहीं हुआ। उसने तटस्थ भाव से गुटनिरपेक्षता की नीति अपनाई।