ग) तस्य इति पदे का विभक्ति?
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तस्य इति पदे का विभक्ति?
तस्य इत पदे विभक्ति एवं वचन...
तस्य : षष्ठी विभक्ति एवं एकवचन
व्याख्या :
संस्कृत भाषा में विभक्ति के तात्पर्य व्याकरण में संज्ञा, सर्वनाम अथवा विशेषण के आगे लगाए जाने वाले थे चिह्नों से होता है। जिससे यह ज्ञात होता है कि उस शब्द का अन्य पदों से क्या संबंध है।
विभक्ति एक प्रकार के प्रत्यय हैं, जो संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के आगे लगकर संस्कृत भाषा में विभक्ति कहलाते हैं।
विभक्ति का अर्थ है, विभाजित होने की क्रिया। संस्कृत भाषा में प्रथमा, द्वितीय एवं तृतीया विभक्त होती हैं, जो एकवचन, द्विवचन एवं बहुवचन के अनुसार निर्धारित होती हैं।
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