Accountancy, asked by shrijyoti7, 4 months ago

गादि एक कर्म को यस लगता है कि उसके कुछ देरदार भुगतान नहीं कर पाएगे तो ऐसे में अनुयासिल हानियाँ
के लिए यदि वह पहले से ही सेवा पुस्तकों में प्रावधान कर लेती है तो यह
व्यवसाय का अस्तित्व अपने स्वामी के फिन है उभय का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण
प्रत्येक वस्तु जिसका स्वामी फर्म है का स्वामित्व किसी और व्यक्ति के पास भी है। यह सबोग
पदि संपत्तियों पर मूल्य हास की गणना के लिए सीधी रेखा विधि का प्रयोग किया गया है तो
संकल्पना के अनुसार इसी विधि का प्रयोग अगले वर्ष भी किया जाना चाहिए।
एक फर्म के पास ऐसा स्टोक जिसकी बाजार में मांग है। परिणामतः बाजार में उस माल का मूल्य बढ़ गया
है। साधारण लेखकन पद्धति में हम इस मूल्य वृद्धि पर संकल्पना के अन्तर्यत यान नहीं देगे।
यदि किसी फर्म को वस्तुओं के विक्रय का आदेश मिलता है तो
संकल्पना के अन्तर्गत
उसको कुल विक्रय के आकड़ों में सम्मिलित नहीं किया जाएगा।
किसी फर्म का प्रबन्धक बहुत अकुशल है लेकिन लेखाकार इस महत्पूर्ण तथ्य को लेखा-पुस्तकों में
संकल्पना के कारण वर्णित नहीं कर सकता।​

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Answered by dotcomzone782269
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Explanation:

प्रत्येक वस्तु जिसका स्वामी फर्म है का स्वामित्व किसी और व्यक्ति के पास भी है। यह सबोग

पदि संपत्तियों पर मूल्य हास की गणना के लिए सीधी रेखा विधि का प्रयोग किया गया है तो

संकल्पना के अनुसार इसी विधि का प्रयोग अगले वर्ष भी किया जाना चाहिए।

एक फर्म के पास ऐसा स्टोक जिसकी बाजार में मांग है। परिणामतः बाजार में उस माल का मूल्य बढ़ गया

है। साधारण लेखकन पद्धति में हम इस मूल्य वृद्धि पर

Answered by supernikhilnegi
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Answer:

sorry yaar nahi aata

Explanation:

google per search karo or plese muje report mat karo plese god bless you

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