ग) 'दंगल के दृश्य' से लेखक का क्या अभिप्राय है ? यह दृश्य लोगों पर किस तरह
का प्रभाव डालता था?
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ग) 'दंगल के दृश्य' से लेखक का क्या अभिप्राय है ? यह दृश्य लोगों पर किस तरह का प्रभाव डालता था?
उत्तर : 'दंगल के दृश्य' से लेखक का अभिप्राय है , ढोलक की आवाज के बल पर ही दंगल जीता था। दंगल के दृश्य को याद करके लोग उत्साह से भर उठते थे। यह दृश्य उन लोगों पर प्रभाव डालता , हो लोग गाँव ए फैली हुई बीमारी से ग्रसित थे | दंगल , उन लोगों को बीमारी से लड़ने की प्रेरणा देता था। बूढ़े-बच्चे-जवानों की शक्तिहीन आँखों के आगे दंगल का दृश्य नाचने लगता था। ढोलक की आवाज मैदान में खेल रहे खिलाड़ियों के मन जितने का उत्साह आ जाता था |
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निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
"रात्रि की विभीषिका को सिर्फ पहलवान की ढोलक ललकार कर चुनौती देती रहती थी। पहलवान संध्या से सुबह तक, चाहे जिस ख्याल से ढोलक बजाता हो, किन्तु गाँव के अर्द्धमृत, औषधि उपचार-पथ्यविहीन प्राणियों में वह संजीवनी शक्ति ही भरती थी।