गोदावरी नदी का वर्णन अपने शब्दों में
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गोदावरी नदी
गोदावरी नदी भारत की प्रसिद्ध नदी है। यह दक्षिण भारत में पश्चिमी घाट से लेकर पूर्वी घाट तक बहती है। इसकी लंबाई लगभग 1,440 कि.मी. है। यह नदी नासिक त्रयंबक गाँव की पहाड़ियों में स्थित एक बड़े जलागार से निकलती है। नदी का बहाव दक्षिण-पूर्व की ओर है। ऊपरी हिस्से में नदी की चौड़ाई एक से दो मील तक है। समुद्र में मिलने से लगभग 96 कि.मी. पहले ही नदी बहुत ही सँकरी जगह के बीच बहती है। बंगाल की खाड़ी में दौलेश्वरम् के पास डेल्टा बनाती हुई यह नदी सात धाराओं के रूप में समुद्र में गिरती है। भारत की गोदावरी और कृष्णा नदी मिलकर 'कृष्णा-गोदावरी डेल्टा' बनाती हैं जो सुन्दरबन के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा डेल्टा है। इस डेल्टा को बहुधा 'केजी डेल्टा' भी कहा जाता है।
Explanation:
सात धाराएं- गोदावरी नदी की प्रमुख रूप से गौतमी, वसिष्ठा, कौशिकी, आत्रेयी, वृद्ध गौतमी, तुल्या, भारद्वाजी नाम की धाराएं हैं।
पुराणों में उल्लेख- पुराणों में भी गोदावरी नदी का उल्लेख किया गया है। महाभारत के वनपर्व में सप्त गोदावरी, ब्रह्मपुराण के 133वें अध्याय में गोदावरी (गौतमी), श्रीमद्भागवत, विष्णुपुराण, महाभारत के भीष्मपर्व, पांडवों के तीर्थयात्रा प्रसंग व महाकवि कालिदास ने 'रघुवंश' में गोदावरी नदी का उल्लेख किया है।
नामकरण- कुछ विद्वानों के अनुसार गोदावरी नदी नामकरण तेलुगु भाषा के शब्द 'गोद' से हुआ है, जिसका अर्थ मर्यादा होता है। एक बार महर्षि गौतम ने घोर तप किया। इससे रुद्र प्रसन्न हो गए और उन्होंने एक बाल के प्रभाव से गंगा को प्रवाहित किया। गंगाजल के स्पर्श से एक मृत गाय पुनर्जीवित हो उठी। इसी कारण इसका नाम गोदावरी पड़ा। गौतम से संबंध जुड जाने के कारण इसे गौतमी भी कहा जाने लगा। इसमें नहाने से सारे पाप धुल जाते हैं।
गोदावरि नदी का वर्णन |
Explanation:
कौन कहता हैं की, हमारे भारत में सिर्फ एक ही गंगा बहती हैं ! हमारे देश के अंदर दो गंगा बहती हैं | पहली तो देश के उत्तरी हिस्से में बहती हैं और दूसरी देश के दक्षिणी हिस्से में बहती हैं | वैसे "गोदाबरी नदी" को दक्षिण भारत का गंगा भी कहते हैं |
महाराष्ट्र के त्रिंबकेश्वर से निकलने वाली यह नदी बंगाल की खाड़ी तक जाती हैं | इसकी कुल लंबाई 1,465 किलोमीटर हैं और गंगा के बाद भारत की यह दूसरी सबसे लंबी हैं | इसके नदी किनारे बहुत प्रकार के फसल उगाये जाती हैं; जिनमे प्याज, अंगूर, गन्ना आदि प्रधान हैं |
गोदाबरी की साफ पानी को देख कर मन में एक अजीब सी अनुभूति घर लेती हैं, इसकी धीर-धीरे बहती जल धारा न जाने कितने लोगों की प्यास मिटाती हैं और न जाने कितने खेतों की सींचती हैं | नदी के बीचों-बीच बहती नाव मानो जैसे स्वर्ग से आयी किसी दूत की तरह इसके वक्ष स्थल में विचरण करता हुआ नजर आता हैं |