गंदगी मुक्त मेरा गाँव -इस विषय पर अनुच्छेद लिखिए (शब्द सीमा -100 -120 )
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स्वच्छता सिर्फ आस पास की सफाई नहीं होती है। स्वच्छता पूरे घर की गली से लेकर मोहल्ला, जिले, शहर की सफाई होती है। लेकिन सिर्फ एक व्यक्ति के चिंतन मनन जागरूकता से संभव नहीं है, बल्कि सभी को एक जुट होकर स्वच्छता अभियान में साथ देना होगा। मोदी जी ने स्वच्छता अभियान को पुरज़ोर चलाया है, अभी हाल ही में बेहतर स्वास्थ्य और कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के कारण नए विचार किये जा रहे है। स्वच्छता के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए स्वच्छता विभाग जलशक्ति मंत्रालय ने गन्दगी मुक्त अभियान आठ अगस्त से पंद्रह अगस्त तक चलाया है। इस अभियान के अंतर्गत ऑनलाइन पेंटिंग, निबंध प्रतियोगिता इत्यादि ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किये गए थे।
गन्दगी मुक्त मेरा गाँव विषय पर बच्चो को लिखने के लिए दिया गया है। भारत सरकार ने ग्रामीण लोगो को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए यह अभियान खासकर शुरू किया है ताकि हमारे गाँव भी साफ़ सुथरे रहे। इस प्रकार के कार्यक्रम, आयोजित करके अभिभावकों को प्रेरित किया जा रहा है। विद्यार्थियों ने इस अभियान से जुड़े प्रतियोगिता में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और मुहीम को कामयाब बनाने की बेहतरीन कोशिश की। इस अभियान को सफल बनाने की भरपूर कोशिश की गयी ताकि गाँव के लोग स्वच्छता के इस अभियान को गंभीरता से ले।
सारे गाँव भारत में अभी तक गन्दगी मुक्त नहीं हो पाए है। लेकिन पूरी गलती गांव वालों की नहीं थी। अशिक्षा और जागरूकता के अभाव में बहुत सालों और दशकों तक स्वच्छता के महत्व को भली भाँती समझने में गाँव वाले नाकामयाब रहे। जैसे जैसे गाँव में शिक्षा के लिए स्कूलों का प्रबंध किया गया और धीरे धीरे लिंग असामनता भी मिटने लगा, ग्रामीण लोग जागरूक होने लगे। गाँव में लोग ज़्यादातर कृषि और खेतो के कार्य से जुड़े होते है। गाँव का वातावरण बड़ा ही शुद्ध होता है। यहाँ के खुले मैदान और आँगन की सुंदरता अलग ही दृश्य प्रस्तुत करती है।
जैसे दीमक लकड़ी को धीरे धीरे खाती है और नुकसान पहुँचाती है ठीक उसी प्रकार गन्दगी भी धीरे धीरे अपना भयानक रूप धारण कर लेती है। पहले बहुत से गाँव में गन्दगी के तांडव ने गाँव की ज़िन्दगी को बुरी तरह प्रभावित किया। कच्ची सड़के और बड़े बड़े गड्ढे में वर्षा का पानी जम जाता था, इससे हानिकारक मच्छरों ने जन्म लेना आरम्भ किया। मच्छरों से कई बीमारियाँ जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया फैलता है जो की जानलेवा है। मक्खियों से भी सावधान रहने की ज़रूरत है। यह कूड़े पर बैठती है और फिर खुले हुए खाने पर जाकर विराजमान हो जाती है। बाद में ग्रामीण लोगो को खाना ढककर रखने की और साफ़ सुरक्षित पानी पीने की हिदायत दी गयी।
गाँव में खुले में शौच करना, एक प्रमुख गलती है जो अक्सर ग्रामीण लोग करते है। मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत कई गाँव में शौचालय का निर्माण करवाया और शौचालय बनाने की अहमियत भी समझायी। गाँव के लोग पहले की तुलना में काफी जागरूक हुए है, लेकिन कसर भी बाकी है। पूरे गाँव के लोगो को यह अवगत करवाया गया कि गन्दगी को जड़ से उखारने एक मात्रा तरीका है, स्वच्छता। अब वक़्त आ गया है कि गाँव के लोगो को सफाई की अहमियत और महत्व को भली भाँती समझायी जाए। गंदगी मुक्त मेरा गाँव जैसे अभियान जारी किये गए।
मेघालय में Mawlynnong गाँव भारत का सबसे साफ़ सुथरा और विकसित गाँव है। पूरे एशिया में सबसे स्वच्छ और सुन्दर गाँव है। नरेंद्र मोदी ने भी इस गाँव का दौरा किया और इसकी प्रशंसा की थी। इस गाँव को स्वच्छ बनाने का पूरा श्रेय वहां रहने वाले लोगो को जाता है। यहाँ के लोग गाँव के पर्यावरण को बेहतर और बनाये रखने के भी कार्य कर रहे है। प्रत्येक व्यक्ति यहाँ स्वच्छता को लेकर जागरूक है। यहाँ सारे लोग शिक्षित है और समग्र लोग अंग्रेजी में बात भी कर सकते है। यहाँ के लोग अपना बचा हुआ खाना फेकते नहीं है बल्कि पशुओं को दाल देते है। हर घर में एक शौचालय है। इस गाँव की जितनी भी सराहना की जाए, उतना ही कम है।
ग्रामीण लोगो को अपने घर का सारा कूड़ा कूड़ेदान में डालना चाहिए। ग्रामीण लोग पेड़ ,पौधों के विषय में ध्यान देते है। लोगो को अपने घर के आगे पक्की नालियां बनवानी चाहिए ताकि गन्दा पानी बाहर ना बहे और आस पास के इलाको को गन्दा ना करे। वर्षा के समय कहीं भी जमा हुआ पानी ना रखे, इससे मच्छर पनपने का खतरा बना रहता है।
भारत सरकार के अभियान के कारण ग्रामीण लोगो ने शौचालय बनाया है। गांव के लोग शौच के लिए शौचालय का उपयोग करते है, लेकिन अभी भी ऐसे कई गाँव है, जिन्होंने अभी तक शौचालय नहीं बनवाया है। गाँव के लोगो ने अभी कई जगहों पर सड़क के किनारे पौधे लगाए है और यह एक सकारात्मक कदम है।
कई गाँव के लोग पान की पीक कहीं भी थूक देते है और गोबर भी यहाँ वहाँ पड़ा रहता है। कुँए के समक्ष काफी कीचड़ हो जाता है, इसलिए स्वच्छता रखना बेहद ज़रूरी है। ग्रामीण लोगो ने खेतों के मैदानों में शौच करना बहुत जगहों पर बंद कर दिया है। गाँव के लोगो को अपने गाँव को सुन्दर और स्वच्छ बनाने के लिए काफी मेहनत करना होगा और ज़्यादातर लोग इसको संजीदगी के साथ कर रहे है। अभी बैल और बकरी को लगाम दी गयी है , ताकि वह इर्द गिर्द के जगहों को गन्दा न करे। कुंए के समक्ष नयी मिटटी डाली गयी है, ताकि कीचड़ ना हो। अभी गाँव में पक्के रास्ते बन गए है।
भारत के गाँव में 83.37 करोड़ लोग रहते है। एक नेशनल सर्वे के मुताबिक 59.4 फीसदी लोगो के पास शौचालय नहीं था। जितना ज़्यादा बाहर में शौच उतना अधिक बीमारी को न्योता देना। सिर्फ लोग ही नहीं पूरा गाँव अस्वच्छता के कारण बीमार हो जायेगा। इसके प्रभाव देश को भी भुगतना होगा। लोग बीमार होंगे तो उत्पादकता की क्षमता में गिरावट आएगी। इसका बुरा असर देश की आर्थिक स्थिति पर पड़ती है। गांव के विद्यालय में भी शौचालय न होने के कारण, बच्चो ओर शिक्षकों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। अगर स्वच्छता नहीं होगी तो पर्यटक भी गाँव को देखने नहीं आएंगे।
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गंदगी मुक्त मेरा गाँव:
मेरे गाँव का नाम गोमिया है। मेरा गाँव छोटा सा है लेकिन एक आदर्श गाँव है। मेरा गाँव अब गन्दगी मुक्त गाँव है। गाँव को गन्दगी मुक्त बनाने के लिए हमारे गाँव के लोगों ने ही प्रयास किया है। गाँव के लोगो ने सबसे पहले साफ़-सफाई की तरफ ज्यादा ध्यान दिया। गाँव को गन्दगी मुक्त बनाने के लिए गाँव के निवासियों ने मुख्य रूप से चार काम किये, जो की गाँव को गन्दगी मुक्त बनाने सफल रहे। वह मुख्य 4 काम है:- 1. शौचालय बनवाना 2. नालियाँ बनवाना 3. कूड़ेदान रखना 4. पेड़-पौधे लगाना
1. शौचालय बनवाना: जैसा की हम सभी जानते हैं कि गाँव में पहले शौचालय के प्रति उतनी जागरूकता नहीं थी, लेकिन भारत सरकार द्वारा चलाये गए शौचालय अभियान के तहत गाँव के लोगों नें शौचालय के महत्व को समझा और गाँव के सभी निवासियों ने अपने घर में एक – एक शौचालय बनवाया। अब हमारे गाँव के किसी भी निवासी को बाहर खुले में या खेत आदि में शौचालय के लिए जाना नहीं पड़ता।
2. नालियाँ बनवाना: सभी ने अपने घरों के आगे पक्की नालियाँ बनवाई, जिससे कि अब किसी के भी घर का गन्दा पानी न बहता है और न ही इक्कठा होता है। यहाँ तक की बारिश का पानी भी एक जगह इकठ्ठा नहीं होता।
3. कूड़ेदान रखना: हमारे गाँव में 100-200 मीटर की दुरी में एक कूड़ेदान जरूर मिलेगा। अब कोई भी गाँव का व्यक्ति अपना घर का कूड़ा-कचड़ा सड़क पर नहीं डालता/फेकता है।
4. पेड़-पौधे लगाना: गाँव के लोगों ने मिलकर, खासकर गाँव के स्कूली बच्चों ने सड़क किनारे पेड़ लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गाँव के निवासियों ने अपने घर के आगे भी एक – एक पेड़ लगाया है।
गाँव के मुखिया और विधायक दोनों ही बहूत अच्छे हैं, उन्होंने गाँव को बेहतर बनाने के लिए अपना महवपूर्ण योगदान दिया और गाँव के लोगो की समय समय पर मदद भी की।
अब हमारे गाँव में गन्दगी बिलकुल भी नहीं है। अब पुरे गाँव में चारो तरफ हरयाली ही हरयाली है, शुद्ध वातावरण है। गाँव में गन्दगी ख़त्म होने से अब हमारे गाँव में जल्दी से कोई बीमार नहीं पड़ता। ज्यादातर इस गाँव के लोग स्वस्थ रहते हैं। इस तरह मेरा गाँव गंदगी मुक्त और एक आदर्श गाँव है।
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