गांधीजी एक प्रकार की हिंसा की बात कर रहे थे, क्या है? क्या कभी आपने इसका सामना किया है एक उदाहरण देकर बताइए
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मन में किसी का अहित ना सोचना किसी को कटु वाणी आदि के द्वार भी नुकसान ना देना तथा कर्म से भी किसी भी अवस्था में किसी भी प्राणी की हिंसा ना करना यह अहिंसा है
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