Political Science, asked by mlc15081998, 1 month ago

गांधीजी के अनुसार ईश्वर के स्वरूप को स्पष्ट करें​

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Answered by priyanshjaiswal427
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Answer:

किसी गंभीर रहस्यवाद में न पड़कर वे यह मान लेते हैं कि शिवमय, सत्यमय और चिन्मय ईश्वर सृष्टि का मूल है और उसने सृष्टि की रचना किसी प्रयोजन से की है। वे ऐसे देश में पैदा हुए जिसने चैतन्य आत्मा की अक्षुण और अमर सत्ता स्वीकार की है|

Answered by shreya16203
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Explanation:

किसी गंभीर रहस्यवाद में न पड़कर वे यह मान लेते हैं कि शिवमय, सत्यमय और चिन्मय ईश्वर सृष्टि का मूल है और उसने सृष्टि की रचना किसी प्रयोजन से की है। वे ऐसे देश में पैदा हुए जिसने चैतन्य आत्मा की अक्षुण और अमर सत्ता स्वीकार की है।

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