Hindi, asked by anweshaswain24, 2 days ago

गांधीजी कौन सी पद -यात्रा में अपने साथ दो आदमी रखे थे? ​

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Answered by a1148
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Answer:

मिलकर चलना चाहते थे. आज हम परिवार के अंदर बंट गए हैं, खुद को कंप्यूटर तक सीमित कर लिया है और स्मार्टफोन को अपनी दुनिया बना ली है.

इन जंजीरों से निकलने में बापू के विचार हमारे लिए मददगार साबित हो सकते हैं. गांधीजी जो कहते थे, वह करते थे.

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यहां हम उनके कुछ प्रेरक वचन पेश कर रहे हैं, जो हमारी आंखें खोल सकते हैं.

व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है.

कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है. क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है.

ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है. यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है.

धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है.

गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में.

आप जो करते हैं वह नगण्य होगा. लेकिन आपके लिए वह करना बहुत अहम है.

हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा.

किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते हैं.

कोई कायर प्यार नहीं कर सकता है; यह तो बहादुर की निशानी है.

बापू ने कहा कि स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी.

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