Hindi, asked by manvik45, 4 months ago

गांधीजी की सुव्यवस्थित कार्यशैली उनके व्यक्तित्व का दर्पण मानी जाती है तर्क सहित उत्तर लिखिए​

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Answered by AnushkaMate
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Answer:

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का साबरमती आश्रम (गुजरात) दुनिया भर में प्रसिद्ध है। लेकिन उतना ही प्रसिद्ध उनका सेवाग्राम आश्रम भी है जो वर्धा (महाराष्ट्र) में स्थित है। इस आश्रम की खासियत यह है कि गांधी जी ने अपने संध्याकाल के अंतिम 12 वर्ष यहीं बिताए।

वर्धा शहर से 8 किमी की दूरी पर 300 एकड़ की भूमि पर फैला यह आश्रम इतनी आत्मिक शांति देता है, जिसको आप शब्दों में बयां नहीं कर सकते। इस आश्रम की कई खासियत हैं।

गांधी जी ने यहां कई रणनीतियां बनाईं, कईयों से मिले और बहुतों के जीवन को नई दिशा दी। यहां आकर ऐसा लगता है जैसे आप किसी मंदिर में पहुंच गए हो। सबकुछ एकदम शांत और सौम्य। आश्रम को समझने पर गांधी जी का व्यक्तित्व भी अपने आप ही समझमें आ जाता है। यह आश्रम बापू के व्यक्तित्व का दर्पण है। यहां आकर ही पता चल जाता है कि हम एक ऐसे महान शख्स का उठना-बैठना, देख-समझ रहे हैं जिसने भारत की आजादी का नींव रखी।

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Answered by harishpro784
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Answer:

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का साबरमती आश्रम (गुजरात) दुनिया भर में प्रसिद्ध है। लेकिन उतना ही प्रसिद्ध उनका सेवाग्राम आश्रम भी है जो वर्धा (महाराष्ट्र) में स्थित है। इस आश्रम की खासियत यह है कि गांधी जी ने अपने संध्याकाल के अंतिम 12 वर्ष यहीं बिताए।

Explanation:

वर्धा शहर से 8 किमी की दूरी पर 300 एकड़ की भूमि पर फैला यह आश्रम इतनी आत्मिक शांति देता है, जिसको आप शब्दों में बयां नहीं कर सकते। इस आश्रम की कई खासियत हैं।

गांधी जी ने यहां कई रणनीतियां बनाईं, कईयों से मिले और बहुतों के जीवन को नई दिशा दी। यहां आकर ऐसा लगता है जैसे आप किसी मंदिर में पहुंच गए हो। सबकुछ एकदम शांत और सौम्य। आश्रम को समझने पर गांधी जी का व्यक्तित्व भी अपने आप ही समझमें आ जाता है। यह आश्रम बापू के व्यक्तित्व का दर्पण है। यहां आकर ही पता चल जाता है कि हम एक ऐसे महान शख्स का उठना-बैठना, देख-समझ रहे हैं जिसने भारत की आजादी का नींव रखी।

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