गांधीजी का समय देखने का यंत्र hindi me
Answers
mahatma gandhi jayanti
Success Mantra: दुनिया भर को अहिंसा का मंत्र देने वाले महात्मा गांधी की 151वीं जयंती 2 अक्टूबर, 2020 को मनाई जाएगी। गांधीजी ने न सिर्फ देश को आजादी दिलवाई बल्कि अपने पूरे जीवन को एक प्रेरणा के रूप में लोगों के सामने रख दिया। बापू का जीवन उन लोगों को खास प्रेरणा देता है जो जीवन में आने वाली परेशानियों से जल्द घबरा जाते हैं। आइए सीखते हैं गांधी जी के जीवन से वो 5 गुण जो आपको भी ले चलेंगे सफलता की राह पर।
1-आपका भविष्य आपकी आज की सोच पर निर्भर है-
आपका भविष्य इस बात पर निर्भर है कि आप आज क्या सोचते और करते हैं। लोग अकसर यही फैसले करने में गलतियां कर बैठते हैं। वे अपने कल के बारे में नहीं सोचते और सिर्फ 'आज' पर ही अपना समय, धन खर्च कर देते हैं। बापू कहा करते थे, अगर वर्तमान में फैसले सही होंगे तो भविष्य भी अच्छा होगा।
2-ज्ञान बांटने से बढ़ेगा-
कहते हैं कि ज्ञान जितना बांटोगे उतना बढ़ेगा। इसलिए सभी की मदद करें। इससे आपका व्यक्तित्व निखरेगा। ज्ञान बढ़ेगा।
3-धैर्य का दामन न छोड़ें-
गांधीजी का तीसरा मंत्र कहता है कि कोई भी कार्य करते समय धैर्य का दामन न छोड़ें। किसी भी काम में सफलता हासिल करने के लिए राह में आने वाली परेशानियों से लड़ते रहें। सफलता के लिए आगे बढ़ते रहे।
4-वित्तीय अनुशासन -
जरूरी है कि आप अपने लिए वित्तीय अनुशासन अपनाए। कल के लिए बचत करें। उस बचत को सही जगह और सही मिश्रण के साथ निवेश भी करें।
5-मजबूत चरित्र-
महात्मा गांधी का जीवन उनके मजबूत चरित्र की पहचान हैं। उनका आत्मविश्वास, दृढ़ निश्चय, अटूट साहस और अदम्य धीरज उन्हें उनके लक्ष्य यानी आजादी तक लेकर गए। उन्होंने करोड़ों लोगों को अपना मुरीद बनाया।
गांधी जी कहा करते थे कि जो भी काम तुम करते हो, हो सकता है कि यह कम महत्व का हो, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह कहा कि तुम काम करते रहो. वह लोगों को हर दिन, हर पल कुछ नया सीखने की सलाह देते थे.
नई दिल्ली:
महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के तीन मुख्य सिद्धांत थे. पहला- सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए झाड़ का इस्तेमाल, दूसरा- जाति और धर्म से ऊपर उठकर सामूहिक प्रार्थना करना और तीसरा चरखा जो बाद में आत्म सम्मान और एकता का प्रतीक बना.
अहिंसा के मार्ग से देश को दिलाई आजादी
पूरी दुनिया महात्मा गांधी के अविस्मरणीय योगदान के बारे में जानती है. भारत की आजादी की लड़ाई में उनके योगदान ने उन्हें राष्ट्रपिता का सम्मान दिलाया. वह जीवन पर्यन्त आम देशवासियों के नायक माने जाते रहे. अहिंसा का मार्ग अपनाकर देश को आजादी दिलाने वाले गांधी ने अपने विचारों से पूरी दुनिया को प्रभावित किया. अपने अनुभवों के आधार पर उन्होंने कई किताबें लिखीं. इनमें लिखे उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उन दिनों हुआ करते थे.
गांधी ने दुनिया को दिए ये तीन मंत्र
गांधी जी अक्सर कहा कहते थे कि प्रसन्नता एक खुशबू की तरह होती है जब यह दूसरों को दी जाती है तो इसकी कुछ बूंदें आप पर स्वतः पड़ती है. वह कहा करते थे कि किसी व्यक्ति को उसके गुणों के आधार पर पहचाना जाना चाहिए न कि कपड़ों के आधार पर. दूसरों की प्रगति के लिए सकारात्मकता की राह खोलने की खातिर उन्होंने क्षमा का मंत्र दियl
लोगों को बताई 'समय' की कीमत
गांधी जी ने कहा कि आंख के बदले आंख की भावना समूची दुनिया को अंधा बना देगी. उन्होंने लोगों को समय बचाने तथा इसके बेहतर इस्तेमाल के लिए भी प्रेरित किया. उनका कहना था कि जो लोग समय की बचत करते हैं, वह धन की भी बचत करते हैं. इस प्रकार उनके द्वारा बचाया गया धन, कमाए गए धन के बराबर अहमियत रखता है.
जीवन में दुखों से मुक्ति का मंत्र
गांधी जी कहा करते थे कि जो भी काम तुम करते हो, हो सकता है कि यह कम महत्व का हो, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह कहा कि तुम काम करते रहो. वह लोगों को हर दिन, हर पल कुछ नया सीखने की सलाह देते थे. गांधी जी कहा करते थे कि अपने जीवन को ऐसे जियो जैसे कल तुम्हारी मृत्यु होने वाली हो और ऐसे सीखो जैसे तुम हमेशा जिंदा रहने वाले हो.
किसी की कमजोरी का फायदा मत उठाओ
महात्मा गांधी के विचारों में इतनी शक्ति थी कि उनके विरोधी भी उनकी तारीफ करते थे. एक बार गांधी जी श्रीमती सरोजिनी नायडू के साथ बैडमिंटन खेल रहे थे. तभी नायडू के दायें हाथ में चोट पर गांधी जी की नजर पड़ी. यह देखकर गांधी जी ने भी रैकेट बायें हाथ में लेकर खेलना शुरू कर दिया. जब कुछ देर बाद नायडू का ध्यान इस ओर गया तो उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि आपको तो यह भी नहीं मालूम कि रैकेट किस हाथ में पकड़ा जाता है. इस पर गांधी ने जवाब दिया कि आप खुद चोट के कारण रैकेट बायें हाथ से पकड़े हुए हैं. मुझे भला आपकी इस कमजोरी का फायदा क्यों उठाना चाहिए. यदि आप किसी बाध्यता के कारण दायें हाथ से रैकेट नहीं पकड़ सकतीं तो भला मुझे इसका लाभ उठाने के लिए इसे क्यों दायें हाथ से थामना चाहिए.
Hope it helps ❤️