गांधी जी ने अपने हर कार्य को गरिमा में मानते हुए किया। वे अपने सहयोगियों को श्रम की गरिमा की सीख दिया करते थे। दक्षिण अफ्रीका में भारतीय लोगों के लिए संघर्ष करते हुए उन्होंने सफाई जैसे कार्य को भी कभी नीचा नहीं समझा और इसी कारण स्वयं उनकी पत्नी कस्तूरबा से भी उनके मतभेद हो गए थे। बाबा आमटे ने समाज द्वारा तिरस्कृत कुष्ठ रोगियों की सेवा में अपना समस्त जीवन समर्पित कर दिया। सुंदरलाल बहुगुणा ने अपने प्रसिद्ध चिपको आंदोलन के माध्यम से पेड़ों को संरक्षण प्रदान किया। फादर डेमियन ऑफ मॉलोकाई मार्टिन लूथर किंग और मदर टेरेसा जैसी महान आत्माओं में इसी सत्य को ग्रहण किया। इनमें से किसी ने भी कोई सत्ता प्राप्त नहीं की बल्कि अपने जनकल्याणकारी कार्यों से दिलों पर शासन किया गांधीजी का स्वतंत्रता के लिए संघर्ष उनके जीवन का एक पहलू है किंतु उनका मानसिक क्षितिज वास्तव में एक राष्ट्र की सीमाओं में बंधा हुआ नहीं था। उन्होंने सभी लोगों में ईश्वर के दर्शन किए।यही कारण था कि कभी किसी पंचायत तक के सदस्य नहीं बनने वाले गांधी जी की जब मृत्यु हुई तो अमेरिका का राष्ट्रध्वज भी झुका दिया गया था।
उपयुक्त शीर्षक दीजिए *
गांधीजी
सेवा
जनसेवा
२. सभी महान आत्माओं ने किस सत्य को ग्रहण किया *
श्रम करो
सेवा करके मेवा खाओ
लोगों पर शासन करो
३. गांधी जी का जीवन किस के लिए समर्पित था *
विश्व सेवा के लिए
भारत के स्वतंत्रता के लिए
जनकल्याण के लिए
४. अमेरिका वासी गांधी जी को *
नेता मानते थे
विश्व नेता मानते थे
राष्ट्रीय सीमाओं से ऊपर उठा हुआ महान कल्याणकारी नेता मानते थे
५. चिपको आंदोलन के माध्यम से किस को संरक्षण प्रदान किया? *
मनुष्य को
प्राणियों को
पेड़ों को
६. गांधी जी ने किसके लिए संघर्ष किया? *
स्वतंत्रता के लिए
स्वार्थ के लिए
दूसरों के लिए
७. गांधी जी की मृत्यु पर देश का राष्ट्रध्वज भी झुक गया *
जापान
अमेरिका
फ्रांस
८. बाबा आमटे ने समाज द्वारा सेवा की *
गरीबों की
बीमार की
कुष्ठ रोगियों
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