गांधीजी ने सविनय अवज्ञ आंदोलन वापस क्यों लिया
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पता नहीं
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इतिहास में पांच मार्च का दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महत्वपूर्ण दिन से जुड़ा है. 1931 में आज ही के दिन महात्मा गांधी और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के बीच एक राजनीतिक समझौते के तहत सविनय अवज्ञान आंदोलन समाप्त कर दिया गया था. इस समझौते को गांधी-इरविन समझौता कहा जाता है.
इसके तहत दोनों पक्षों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी. जैसे हिंसा पैदा करने के मामलों में दोषी न ठहराए गए राजनीतिक कैदियों की तुरंत रिहाई, तटों के किनारे स्थित गांवों को नमक बनाने का अधिकार, सत्याग्रहियों की जब्त की गई संपत्तियों को वापस करना, विदेशी कपड़ों और शराब की दुकानों पर शांतिपूर्ण ढंग से रोक लगाने की अनुमति, कांग्रेस पर लगे प्रतिबंधों को हटाना और सभी जारी किए गए अध्यादेश वापस लेना. इनके बदले कांग्रेस सविनय अवज्ञा आंदोलन समाप्त करने और द्वितीय गोल मेज सम्मेलन में भाग लेने पर सहमत हुई.