गांधी जी ने दांडी तक की यात्रा पैदल क्यों की होगी?
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अप्रैल 1930 को महात्मा गांधी ने अपने समर्थकों के साथ नमक कानून तोड़ने के लिए दांडी पहुंचे थे. जिसके बाद 24 दिन तक चली इस यात्रा को समाप्त कर दिया गया था. बता दें, यह नमक की लड़ाई थी जिसके लिए उन्होंने एक ऐतिहासिक मार्च निकाला था. इस मार्च की शुरुआत 12 मार्च, 1930 में हुई थी. इस मार्च को 'दांडी मार्च' और 'नमक सत्याग्रह' के नाम से भी जाना जाता है.
ऐसे शुरू हुआ था दांडी मार्च
बापू ने मार्च1930 में अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम से 24 दिन की यात्रा शुरू की थी. यह यात्रा समुद्र के किनारे बसे शहर दांडी के लिए थी जहां जा कर बापू ने औपनिवेशिक भारत में नमक बनाने के लिए अंग्रेजों के एकछत्र अधिकार वाला कानून तोड़ा और नमक बनाया था.
जानें दांडी मार्च जुड़े फैक्ट्स
- 24 दिन में 340 किलोमीटर चले स्वतंत्रता सेनानी दांडी पहुंचे और सवेरे 6:30 पर नमक कानून तोड़ा.
- 8,000 भारतीयों को नमक सत्याग्रह के दौरान जेल में डाल दिया गया था.
- सत्याग्रह आगे भी जारी रहा और एक साल बाद महात्मा गांधी की रिहाई के साथ खत्म हुआ.
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- गांधी जी ने नमक हाथ में लेकर कहा था कि इसके साथ मैं ब्रिटिश साम्राज्य की नींव को हिला रहा हूं.