गूढ़ प्रश्न समास विग्रह
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Answer:
समास शब्द का अर्थ है- संक्षेप। समास की सहायता से र्ोडे शब्दों में
अधिक बात कही जा सकती है।
पररभाषा : दो अर्वा दो से अधिक शब्दों के ममलने पर जो एक नया
स्वतंत्र पद बनता है, उसे समस्त पद तर्ा उस प्रक्रिया को समास कहते
हैं। समास होने पर बीच की ववभक्ततयों, शब्दों तर्ा 'और' आदद अव्ययों
का लोप हो जाता है।
जैसे- राजा का पुत्र = राजपुत्र , गुण से युतत =गुणयुतत, घोडे पर
सवार= घुडसवार आदद।
समास रचना में दो शब्द (पद) होते हैं : पहला पद - पूवथ पद और दूसरा
पद - उत्तर पद और इन दोनों के समास से बना नया शब्द समस्त पद
कहलाता है।
जैसे- राजा का पुत्र = राजपुत्र।
समस्त पद- समास रचना से बने शब्द को समस्त पद कहा जाता है।
समास ववग्रह- समास रचना से बने शब्द को अलग-अलग करने की
प्रक्रिया को समास ववग्रह कहा जाता है।
जैसे :- 'माता-वपता' का समास ववग्रह होगा माता और वपता।
समास के छः भेद माने जाते हैं:
1. तत्पुरुष समास- क्जस समस्त पद में उत्तर पद (दूसरा) प्रिान हो और
पहले पद के कारक धचह्न का लोप हो जाता है, उसे तत्पुरुष समास
कहते हैं।
समास
तत्पुरुष समास कममधारय समास बहुब्रीहह समास द्ििंद्ि समास द्विगु समास अव्ययीभाि समास
जैसे : समस्त पद ववग्रह
दानवीर दान में वीर
देशवासी देश का वासी
विभक्ततयों के अनुसार तत्पुरुष समास के छः भेद होते हैं:
कमम तत्पुरुष- इसमें कमथ कारक के ववभक्तत धचन्ह ' को ' का लोप
होता है।
जैसे: जेबकतरा- जेब को कतरने वाला। यशप्राप्त- यश को प्राप्त।
करण तत्पुरुष - इसमें करण कारक के ववभक्तत धचन्ह ' से ' अर्वा
'द्वारा' का लोप होता है।
जैसे : रोगपीडडत- रोग से पीडडत।
सिंप्रदान तत्पुरुष - इसमें संप्रदान कारक की ववभक्तत धचन्ह 'के
मलए' का लोप होता है।
जैसे : ववद्यालय - ववद्या के मलए आलय।
तत्पुरुष समास
कमम तत्पुरुष करण तत्पुरुष सिंप्रदान तत्पुरुष सिंबिंध तत्पुरुष अपादान तत्पुरुष अधधकरण तत्पुरुष
अपादान तत्पुरुष - इसमें अपादान कारक के ववभक्तत धचन्ह 'से '
का लोप होता है।
जैसे : िनहीन - िन से हीन।
सिंबिंध तत्पुरुष - इसमें संबंि कारक के ववभक्तत धचन्ह ‘का’ ‘के ’
‘की’ का लोप होता है।
जैसे : गंगातट - गंगा का तट।
अधधकरण तत्पुरुष - इसमें अधिकरण कारक की ववभक्तत धचन्ह
'में' तर्ा 'पर' का लोप होता हैं।
जैसे : आपबीती - आप पर बीती।
2. कममधारय समास - जहां पूवथ पद और उत्तर पद में ववशेषण - ववशेष्य
अर्वा उपमान - उपमेय का संबंि होता है, वहां कमथिारय समास होता
है।
जैसे : नीलकमल- नीला है जो कमल। चंद्रमुख- चन्द्र के समान मुख।
3. बहुब्रीहह समास - जहां दोनों पद गौण होते हैं और वे एक तीसरे अर्थ
का बोि कराते हैं वहां बहुव्रीदह समास होता है।
जैसे : चंद्रशेखर - चंद्र है मशखर पर क्जसके अर्ाथत् मशव ( ववशेष अर्थ) ।
लंबोदर - लंबा है उदर क्जसका अर्ाथत् गणेश (ववशेष अर्थ)
4. द्ििंद्ि समास - क्जस समास के दोनों पद प्रिान होते हैं उसे द्वंद्व
समास कहते हैं।
जैसे : माता - वपता = माता और वपता।
5. द्विगु समास - इस समास का पहला पद संख्यावाची ववशेषण होता
है।
जैसे : त्रत्रफला - तीन फलों का समाहार। त्रत्रभुज - तीन भुजाओं का
समाहार ।
6. अव्ययीभाि समास - क्जस समास में प्रर्म (पूवथ) पद अव्यय हो उसे
अव्ययीभाव समास कहते हैं।
जैसे : प्रततददन = ददन- ददन। यर्ाशक्तत = शक्तत के अनुसार।
मॉडल प्रश्न:
1. ननम्नशलखखत का समास विग्रह कीक्जए और समास के भेद बताइए ।
(क) कमथवीर (ख) चंद्रशेखर (ग) ततराहा (घ) नीलगाय
(ड) पंचरत्न
(च)वववेक हीन (छ) देशवासी (ज) आजीवन (झ) स्वगथ - नरक
(ञ) शताब्दी
(ट) चतुभुथज (ठ) लोकवप्रय (ड) दहमालय (ढ) दशानन
(ण) पीतांबर
(त) लोटा – डोरी (र्) वीणापाणण (द) यर्ासंभव (ि) नीलकंठ
(न) सप्ताह ।
उत्तर:
(क) कमथ में वीर - तत्पुरुष समास
(ख) चंद्र है मशखर पर क्जसके अर्ाथत् मशव - बहुब्रीदह समास
(ग) तीन राहों का समाहार - द्ववगु समास
(घ) नीली है जो गाय - कमथिारय समास
(ड) पााँच रत्नों का समाहार - द्ववगु समास
(च) वववेक से हीन -अपादान तत्पुरुष समास
(छ) देश का वासी - तत्पुरुष समास
(ज) जीवन भर - अव्ययीभाव समास
(झ)स्वगथ और नरक - द्वंद्व समास
(ट) सौ वषों का समूह - द्ववगु समास
(ट) चार है भुजाएं क्जसकी अर्ाथत् ववष्णु -बहुब्रीदह समास
(ठ) लोक में वप्रय - तत्पुरुष समास
(ड) दहम के मलए आलय - तत्पुरुष समास
(ठ) दस है आनन (मसर) क्जसके अर्ाथत् रावण - बहुब्रीदह समास
(ण) पीत है जो अंबर (वस्त्र) - कमथिारय समास
(त) लोटा और डोरी - द्वंद्व समास
(र्) वीणा है हार् में क्जसके अर्ाथत् सरस्वती - बहुव्रीदह समास
(द) क्जतना संभव हो - अव्ययीभाव समास
(ि) नीला है कंठ क्जसका अर्ाथत् मशव - बहुव्रीदह समास
(न) सात ददनों का समूह - द्त्रबगु समास
समास
समास शब्द का अर्थ है- संक्षेप। समास की सहायता से र्ोडे शब्दों में
अधिक बात कही जा सकती है।
पररभाषा : दो अर्वा दो से अधिक शब्दों के ममलने पर जो एक नया
स्वतंत्र पद बनता है, उसे समस्त पद तर्ा उस प्रक्रिया को समास कहते
हैं। समास होने पर बीच की ववभक्ततयों, शब्दों तर्ा 'और' आदद अव्ययों
का लोप हो जाता है।
जैसे- राजा का पुत्र = राजपुत्र , गुण से युतत =गुणयुतत, घोडे पर
सवार= घुडसवार आदद।
समास रचना में दो शब्द (पद) होते हैं : पहला पद - पूवथ पद और दूसरा
पद - उत्तर पद और इन दोनों के समास से बना नया शब्द समस्त पद
कहलाता है।
जैसे- राजा का पुत्र = राजपुत्
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गूढ़ प्रश्न समास विग्रह