गोवा भमण करके लौट रहे दो छात्रों के बीच संवाद
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अजय — यार, रोहन, मजा आ गया गोवा में घूम कर।
रोहन — हाँ, यार, सच में मजा आ गया। गोवा की ये ट्रिप जिंदगी भर याद रहेगी।
अजय — भई मेरी तो बहुत दिनों से तमन्ना थी कि मैं गोवा जाकर घूमकर आऊँ, और मेरी ये इच्छा पूर्ण हो गई।
रोहन — तुम्हारी क्या मेरी भी बड़े दिनों से गोवा जाने की इच्छा थी और मेरी भी इच्छा पूर्ण हुई। बल्कि अपने दल में गये लगभग सभी लोगों की गोवा घूमने की बड़ी हसरत थी और सबकी हसरत पूरी हुई।
अजय — हो क्यों ना, आखिर गोवा जगह ही ऐसी है मन को मोह लेने वाली।
रोहन — हाँ, गोवा के समुद्री बीज कितने साफ-सुथरे और सुंदर थे।
अजय — ‘बागा बीच’ पर तो मजा ही आ गया था। कितनी चहल-पहल थी वहाँ पर। मेरे जानकारी के हिसाब से ये गोवा का सबसे बड़ा बीच था, क्या मैं सही हूँ?
रोहन — तुम सही कह रहे हो। और वहां हम सभी लोगों ने वाटर स्पोर्ट्स का जो आंनद लिया वो यादगार था।
अजय — गोवा के चर्च कितने सुंदर हैं, चाहे वो सेंट फ्रांसिस चर्च हो, ऑफ असीसी, होली स्पिरिट, पिलर सेमिनरी, सालीगांव, रकोल सेमिनरी चर्च हों। पुर्तगाली शैली में बने हुये ये चर्च अपने उस इतिहास को बयां करते थे जब यहां पर पुर्तगाली शासन हुआ करता था।
रोहन — हाँ, खाली चर्च ही नही। अन्य दर्शनीय स्थल भी बेहद शानदार थे। जैसे कि अगुअदा फोर्ट, रिसमागोस फोर्ट, सलीम अली पक्षी संग्रहालय, गोवा राज्य संग्रहालय, सचिवालय आदि।
अजय — और गोवा के समुद्री तटों अर्थात बीचों का तो कहना ही क्या।
रोहन — हाँ, गोवा के सारे बीच, गोवा के पर्यटन का केंद्र बिंदु हैं।
अजय — तुम सही कह रहे हो। गोवा एक शांत राज्य है। भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
रोहन — मेरा तो मन नही भरा गोवा घूमकर। मैं फिर एक बार यहाँ आऊँगा।
अजय — मैं भी, अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद जब हम लोगों को अच्छी नौकरी लग जायेगी तब एक बार फिर गोवा आयेंगे और आज से भी ज्यादा इंजॉय करेंगे।
रोहन — बिल्कुल, ये वादा रहा।