. गाँव का घर
कविता का सारांश
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गांव का घर कविता का सारांश यह है कि हम चाहे कितना ही शहर में रह ले लेकिन गांव जैसा रहने का आनंद कहीं नहीं है यहां हरियाली है जानवर हैं पेड़ पौधे हैं नदियां हैं पक्षी है सुंदरता है कोई किसी तरह का भेदभाव नहीं है मिलजुल कर सब रहते हैं अपना अपना काम करते हैं।
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