गाँव के इतिहास में कौन-सी घटना अभूतपूर्व थी? * (class 9 Q)
बैलों का नाचना
बैलों का भागना
बैलों का अपने आप घर आ जाना
बैलों का खेत जोतना
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answer is ; बैलो का अपने आप घर आ जाना |
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बैलों का अपने आप घर आ जाना
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गाँव के इतिहास में कौन-सी घटना अभूतपूर्व थी? * (class 9 Q)
बैलों का नाचना
बैलों का भागना
बैलों का अपने आप घर आ जाना
बैलों का खेत जोतना
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गाँव के इतिहास में कौन-सी घटना अभूतपूर्व थी? * (class 9 Q)
बैलों का नाचना
बैलों का भागना
बैलों का अपने आप घर आ जाना
बैलों का खेत जोतना
Explanation:
झूरी नाम का किसान जिसके पास दो बलवान बैल थे ,‘हीरा और मोती’। दोनों बैलों में पक्की दोस्ती थी। और इसी वजह से वे दोनों बैल सारे काम मिल-जुल कर करते थे। और दोनों बैल एक दूसरे पर पूरा विश्वास रखते थे। वे दोनों बैल बिना किसी आवाज़ के ही इशारों से एक दूसरे की बातें समझ जाते थे जिसे मुख भाषा में बात करना कहते हैं। एक बार झूरी का साला जिसका नाम ‘गया’ था। वह दोनों बैलों को अपने घर ले गया। जब झूरी का साला बैलों को अपने घर ले जा रहा था तब दोनों बैलों को लगा कि झूरी ने उन्हें बेच दिया है इसी वजह से दोनों बैलों ने मिलकर गया को पूरे रास्ते बहुत परेशान किया और पूरे रास्ते दोनों बैल झूरी के लिए मन ही मन सोच रहे थे।
जब वे शाम के समय अनजानी जगह पर पहुंचे तब उन्हें सब कुछ बेगाना सा लग रहा था , क्योंकि वे उन दोनों बैलों की जगह नहीं थी इसी वजह से जब दोनों बैलों को भूख लगी तब भी उन्होंने खाना नहीं खाया। फिर जब उन दोनों बैलों से रात के समय रहा नहीं गया तो फिर दोनों बैलो ने अपने गले में बंधी रस्सी तोड़ी और झूरी के घर वापस लौट गए। झूरी ने जब अपने दोनों बैलों को घर वापस देखा तो वह बहुत खुश हुआ लेकिन वहीं पर झूरी की पत्नी दोनों बैलों को नमक-हराम कहती है। झूरी अपनी पत्नी से कहता है , कि दोनों बैल इस तरह किसी भी बिना वजह के नहीं आ सकते। जरूर उनको किसी ने चारा-भूसा नहीं दिया होगा। इस बात से झूरी की पत्नी को गुस्सा आया और उसने फिर दोनों बैलों की देख-रेख करने वाले से कहा , ‘कि इन दोनों को केवल सूखा चारा ही खाने में दिया जाए’ और उन्होंने ऐसा ही किया , क्योंकि देख-रेख करने वाला झूरी की बात अनसुनी कर देता था।
उसके दूसरे ही दिन झूरी का साला दोनों बैलों को वापस अपने घर ले आया। गया ने दोनों बैलों को मोटी रस्सी से बाँधकर सूखा चारा डाल दिया। उन दोनों बैलों ने नाँद (बैलों की खाना खाने की जगह) की तरफ देखा तक नहीं। अगले दिन गया ने दोनों बैलों को अपने खेत में जोतने के लिए हल से बांधा , लेकिन दोनों बैलों में इतनी गुस्सा थी , कि उन्होंने अपना एक भी पैर नहीं उठाया क्योंकि उन बैलों का ऐसा अपमान कभी-भी नहीं हुआ था।
बैलों के खेत ना जोतने पर गया ने हीरा की नाक पर डंडे मारे तो मोती बहुत ज्यादा भड़क गया और मोती ने हल समेत ही भागना शुरू कर दिया। इस वजह से हल , जुआ ,जोत सब टूट गए। हीरा मोती से इशारों में कहता है कि भागने का कोई फायदा नहीं हैं क्योंकि अगर भागे तो इस बार बहुत पिटाई होगी। मोती कहता है कि उसे मजा चखाना चाहिए। तब हीरा उसे बताता है कि यह हमारी जाति के धर्म के विरुद्ध होगा।
#SPJ3