Hindi, asked by Balpree, 1 year ago

गाँव में बाढ़ आ गई है दो दोस्त उन पिडितो की सहायता के लिए जाना चाहते हैं आप उनकी बातचीत का संवाद लिखिए

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Answered by TheRose
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बाढ़ से हुआ विनाश तो अब साफ दिखाई दे रहा है. जम्मू के गुर्जर कॉलोनी में भी बाढ़ से भारी नुक़सान हुआ. जिन लोगों पर ये बाढ़ कहर बन कर गुजरी, सुनते हैं उनकी कहानी, उन्हीं की जुबानी.

शकील अहमद, सरकारी कर्मचारी



हम लोग रात में जग रहे थे कि पानी आया, इतना पानी था और इतना तेज़ कि जैसे गोली चल रही हो. मैं गाड़ी को ऊंची तरफ़ लगाने गया. जब वापस आया तो देखा कि घर में पानी घुस चुका है, लगभग पांच फुट ऊंचा पानी था. बच्चे उसमें फंसे हुए थे.

हमने किसी तरह उनको पानी में से बाहर निकाला. हमारे पास किसी तरह की कोई मदद नहीं है. मोहल्ले में किसी के पास कुछ भी नहीं है. सब लुट चुके हैं.

घरों में छह-सात फ़ुट मलबा और मिट्टी घुसी हुई है. मज़दूर उसे निकालने के दस-पंद्रह हज़ार रुपये मांग रहे हैं.

सोमवार को स्थानीय निकाय ने कुछ मज़दूर भेजे हैं जो राहत पहुंचा रहे हैं.

हो सकता है कि हमें बक़रीद घर के बाहर ही मनानी 

Answered by Parth11026
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Answer:

Bro answer is here:

Explanation:

पंकज – अमर! क्या तुमने आज का अखबार पढ़ा?

अमर – नहीं, क्या कोई विशेष खबर छपी है?

पंकज – हाँ बाढ़ के कारण कई गाँव पानी में डूब रहे हैं। खेतों में पानी भरने से फसलें डूब रही हैं।

अमर – ऐसे में लोगों को बड़ी परेशानी हो रही होगी?

पंकज – लोग जैसे-तैसे अपने सामान और मवेशियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

अमर – ऐसो की मदद के लिए हमें तुरंत चलना चाहिए। वे जहाँ भी हैं, उनकी मदद करनी चाहिए।

पंकज – मैं अपने मित्रों के साथ कुछ कपड़े, खाने की वस्तुएँ, मोमबत्ती, माचिस आदि इकट्ठा करके आज दोपहर तक पहुँच जाना चाहता हूँ।

अमर – यह तो बहुत अच्छा रहेगा। मैं अपने साथियों से कहूँगा कि वे कुछ रुपये भी दान स्वरूप दें, ताकि उनके लिए पानी की बोतलें और ज़रूरी दवाइयाँ खरीदा जा सके। पंकज – तुमने बहुत अच्छा सोचा है। क्या तुम भी मेरे साथ चलोगे?

अमर – मैं अवश्य साथ चलूँगा और मुसीबत में फँसे लोगों की मदद करूँगा।

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