(ग)
विना नृत्य न भवति।
उद्यमन
(घ) विना कार्याणि न सिद्धयन्ति ।
संगणकेन
(ङ) विना क्रीडनं न भवति।
वाद्येन
निर्देशानुसारं वचनपरिवर्तनं कृत्वा पुनर्लेखनं कुरुत-
निर्देशों के अनुसार वचन परिवर्तन करके पुनः लिखिए- (Change the number as per the instructions
and rewrite the sentences.)
वाक्यम्
निर्देश
परिवर्तित वाक्यम्
(क) जनः हस्तेन खादति।
बहुवचन
जनी
।
Answers
Answer:
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम
गच्छति
गच्छतः
गच्छन्ति
मध्यम
गच्छसि
गच्छथः
गच्छथ
उत्तम
गच्छामि
गच्छावः
गच्छामः
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम
सः (पु॰)
सा (स्त्री॰)
तत् (न॰)
तौ (पु॰)
ते (स्त्री॰)
ते (न॰)
ते (पु॰)
ताः (स्त्री॰)
तानि (न॰)
मध्यम
त्वम्
युवाम्
युयम्
उत्तम
अहम्
आवाम्
वयम्
गम् धातु - गम् एक धातु है। धातु को आप एक मूल शब्द की तरह समझिए। इस एक गम् शब्द से बहुत सारे शब्द बनाए जा सकते हैं। जैसे गच्छामि, गच्छसि, गच्छति, आच्छामि आदि। ये सब शब्द धातु के पहले उपसर्ग (Prefix) और प्रत्यय (Suffix) लगाने से बने हैं। इसी प्रकार हम दो या दो से अधिक धातुओं को मिलाकर और फिर उपसर्ग और प्रत्यय लगाकर अनेकोंअनेक शब्द बना सकते हैं। फिलहाल के लिए इस स्पष्टीकरण को समझें, धातु के ऊपर हम फिर विसतार से चर्चा करेंगे।
वचन
संस्कृत वाक्य बनाने से पहले हम एक बार वचनो को देखते हैं।
एकवचन
जब बात 1 जन या चीज़ कि की जा रही हो तो एकवचन का प्रयोग किया जाता है। जैसे “ वह जाता है।“ , “ यह खाता है।“ , “ बालिका पढती है।“ , “ गाड़ी चलती है।“
द्विवचन
जब बात 2 जनो या चीज़ों कि की जा रही हो तो द्विवचन का प्रयोग किया जाता है। जैसे “ दो लोग जाते हैं।“ , “ दो लोग खाते हैं।“ , “ दो बालिका पढती हैं।“ , “ दो गाड़ियाँ चलती हैं।“
“तौ” द्विवचन है, यह 2 का अभिप्राय प्रकट करता है। यह प्रथम पुरुष के लिए प्रयोग किया जाता है। “तौ गच्छतः” अर्थात वह दोनो जाते हैं।
बहुवचन
जब बात 2 से अधिक जनो या चीज़ों कि की जा रही हो तो बहुवचन का प्रयोग किया जाता है। जैसे “ बहुत लोग जाते हैं।“ , “ बहुत लोग खाते हैं।“ , “ बहुत बालिका पढती हैं।“ , “ बहुत गाड़ियाँ चलती हैं।“
“ते” बहुवचन है, यह 2 से अधिक का अभिप्राय प्रकट करता है। यह प्रथम पुरुष के लिए प्रयोग किया जाता है। “ते गच्छतः” अर्थात वह सब जाते हैं।
संस्कृत वाक्य
एक बर फिर पिछले पाठ की तरह ऊपर की तालिकाओं को देखकर रंग से रंग मिलाइए।
आवां गच्छावः
हम दो जाते हैं। आवां और गच्छावः दोनो ही द्विवचन और उत्तम पुरुष मे आते हैं। (उपर की तालिकाओं को देखें।) सर्वनाम और क्रिया, वचन और पुरुष दोनो एक दूसरे के लिए संगत या अनुकूल होने चाहिएँ।
वयं गच्छामः
हम सब जाते हैं। यह दोनो वयं और गच्छामः बहुवचन हैं।
युवां गच्छथः
तुम दोनो जाते हो।
युयं गच्छथ
तुम सब जाते हो।
तौ गच्छतः
तुम दोनो (पुलिङ्ग) जाते हो।
ते गच्छतः
तुम दोनो (स्त्रीलिङ्ग / नपुसंकलिङ्ग) जाते हो। उपर की तालिकाओं में देखें कि “ते” दोनो स्त्रीलिङ्ग और नपुसंकलिङ्ग में द्विवचन के लिए इसतेमाल होता है। या बहुवचन में पुलिङ्ग के लिए भी इसतेमाल होता है।
ते गच्छन्ति
वह सब(पुलिङ्ग) जाते हैं।
ताः गच्छन्ति
वह सब (स्त्रीलिङ्ग) जातीं हैं।
तानि गच्छन्ति
वह सब(नपुसंकलिङ्ग) जाते हैं।