Geography, asked by haroonrasheed72, 9 months ago

गिव ऑन अकाउंट ऑफ़ सम कॉमन अर्थक्वेक प्रेडिक्शन मैटर डॉक्टर लोकल y53​

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Answered by akbarhussain26
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Answer:

Earhquake in Delhi: नैशनल सेंटर ऑफ सिस्मेलॉजी के रिकॉर्ड के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के फॉल्ट में सन 1700 से अब तक 4 बार, 6 या इससे अधिक तीव्रता के भूकंप आए हैं। 27 अगस्त 1960 में 6 तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसका केंद्र फरीदाबाद था।

navbharat-times

दिल्ली में बार-बार आ रहे भूकंप से बड़ा खतरा

हाइलाइट्स:

दो महीने में 14 झटके, इस समय एक्टिव हैं फॉल्ट, बड़े भूकंप के संकेत

दिल्ली का करीब 30 फीसदी हिस्सा जोन 5 में है, यहां तैयारी की जरूरत

एक्सपर्ट की मुताबिक दिल्ली-एनसीआर की कई इमारतें सुरक्षित नहीं

दिल्ली-एनसीआर में पिछले 2 महीनों में 14 भूकंप आ चुके हैं

वक़्त नहीं है? हाइलाइट्स पढ़ने के लिए डाउनलोड ऐप

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में पिछले दो महीने में 14 बार भूकंप आ चुका है। सबसे ज्यादा तीव्रता का भूकंप 29 मई को 4.5 तीव्रता वाला था। एक्सपर्ट के अनुसार, बार-बार आ रहे इन झटकों से यह पता चल रहा है कि दिल्ली-एनसीआर के फॉल्ट इस समय एक्टिव हैं। इन फॉल्ट में 6.5 तीव्रता की क्षमता वाला भूकंप आ सकता है, लेकिन इसके आने का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता। इसके लिए ना तो कोई उपकरण है और न ही कोई मैकेनिज़म।

एनसीएस (नैशनल सेंटर ऑफ सिस्मेलॉजी) के रिकॉर्ड के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के फॉल्ट में सन 1700 से अब तक 4 बार, 6 या इससे अधिक तीव्रता के भूकंप आए हैं। 27 अगस्त 1960 में 6 तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसका केंद्र फरीदाबाद था। वहीं 1803 में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र मथुरा रहा था। अभी राजधानी की जो स्थिति है, उसमें 6.5 तीव्रता के भूकंप में भी काफी नुकसान पहुंच सकता है। एनसीएस के पूर्व हेड डॉ. एके शुक्ला के अनुसार, राजधानी को हिमालय बेल्ट से काफी खतरा है, जहां 8 तीव्रता वाले भूकंप आने की क्षमता भी है। यहां पिछले कई साल में बड़ा भूकंप नहीं आया है। अगर हिमालयी बेल्ट में बड़ा भूकंप आता है, तो राजधानी पर इसका काफी असर पड़ेगा। उनके अनुसार, छोटे-छोटे भूकंप आने से यह साफ है कि इस समय दिल्ली की यह लोकल फॉल्ट एक्टिव हैं। इसे वार्निंग की तरह लेना चाहिए और अपनी तैयारियों को पूरा करना चाहिए।

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