गांव और शहर के आधुनिकीकरण से पशु - पक्षीयों को होने वाले नुकसान
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गांव और शहर के आधुनिकीकरण से पशु - पक्षीयों को होने वाले नुकसान :
गांव और शहर के आधुनिकीकरण से पशु - पक्षीयों को बहुत नुकसान पहुंच रहा है | हमारे पशु-पक्षी नष्ट होते जा रहे है |
मनुष्य अपने लाभ के लिए पर्यावरण के संतुलन की बिगाड़ रहा है | बढ़ते प्रदूषण के कारण यह पक्षी साँस नहीं ले पाते जिसके कारण इनकी जाती विलुप्त होती जा रही है | बात की जाए तो गांव और शहर के आधुनिकीकरण के कारण सामा, गोरैया, कर्रा, कठखोदवा, नीलकंठ, पंडुक, परोकी, फूलचूशी, बगूला, कौवा, तोता, मैना आदि की संख्या लगातार कम होती जा रही है तथा कई प्रजातियां तो लुप्त हो चुकी है और आगे भी हो रही है
मनुष्य द्वारा लंबे-लंबे मोबाइल टावर खड़े किए, जिनमें से निकलने वाली रेडियोएक्टिव इनके लिए हानिकारक है | मनुष्य द्वारा जंगल कटे जा रहे है , उन्हें रहने के लिए पेड़ भी काटे जा रहे है | पेड़ों की कटाई से यह बेघर हो जा रहे है |
शहरों में प्रदूषण में यह रह नहीं सकती | हम लोग पके घर बना रहे जिस के कारण यह अपना घर नहीं पा रही है | हमें पेड़ो और जंगलों को काटने से बचाना होगा और प्रदूषण को कम करना होगा |