गांव और शहर की स्वच्छता निबंध
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स्वच्छता के प्रति जागरुकता और कार्य
प्रधानमंत्री के द्वारा चलाए गए स्वच्छता अभियान से सारा देश प्रभावित और जागरुक हुआ है। वही मेरे ग्रामीण भी इस स्वच्छता अभियान से काफी प्रभावित है और जागरुक है। उन्होने न केवल अपने घर बल्की इसके फायदों के बारे मे सारे गांव को जागरुक किया है। गांव के लोग भी स्वच्छता के प्रति काफी जागरुक है, और इस बात का ध्यान रखते है कि गांव मे कही गंदगी न हो|
मेरे गांव के सरपंच ने गांव मे सफाई और जागरुकता को बनाए रखने के लिए जगह-जगह कूड़ेदान और स्लोगन से लोगों को जागरुक किया है। अब गांव के लोग भी स्वच्छता के प्रति जागरुक हो गये है, वो सभी अपना कूड़ा-कचरा कूड़ेदान मे ही डालते है, और इस बात का भी ध्यान रखते है कि कोई भी अपना कचरा इधर-उधऱ न फेक दें। इसके लिए हमारे ग्राम प्रधाम ने सख्त चेतावनी दी है कि यदि कोई कचरा इधर-उधर फेकते पकड़ा गया तो उन्हे जुर्माना भरना पड़ेगा।
जब सरकार ने शौचालय स्वचछता अभियान चलाया था तो हमारे सरपंच ने और गांव के लोगों ने इसमे अपना पूर्ण योगदान दिया था। और नतीजन आज मेरे गाव के हर घर मे शौचालय की सुविधा है। अब आज मेरे गांव के किसी सदस्य को बाहर खेत मे जाने की आवश्यकता नही होती है। जिसके कारण मेरे गांव के साथ-साथ आस-पास का पर्यावरण भी अच्छा करने मे मदद मिली है।
अब मेरे गांव की कोई भी सड़क कच्ची नही रह गयी है। एक दशक पहले जहां कच्ची सड़क और खड़ंजे हुआ करते थे, आज वही हर सड़क पक्की बन गयी है। जहां कभी कच्ची सड़कों के कारण चारों ओर किचड़ और गंदगी रहती थी वही आज चारो तरफ बस सफाई और स्वच्छता है।
जहां पहले कच्ची और खुली नालिया हुआ करती थी वही अब सारी नालिया पक्की और ढ़की हुई है। अब कही किसी तरफ नालों का गंदा पानी फैला नही होता है। जिससे चारों तरफ बस स्वच्छता ही होती है और कही भी गंदगी का नाम नही है।
हमारे गांव मे एक तालाब भी है जिसकी अच्छे से देखभाल की जाती है और समय पर उसमे दवा का छिड़काव और साफ-सफाई की देखरेख की जाती है।
स्वच्छता अभियान को ध्यान मे रखते हुए मेरे ग्राम प्रधान की मेहनत, लगन और कर्मठता ने हमारे गांव को काफी स्वच्छ बना कर रखा है। इसमे गांव से लोग भी आपसी मेलजोल रखकर गांव को स्वच्छ रखते है। हमारे गांव मे नगरनिगम जैसी सुविधा तो उपलब्ध नही है पर मेरा गांव साफ सफाई के मामले मे किसी से कम नही है।
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