Hindi, asked by singhpratikk3, 2 months ago

गाय भारतीय संस्कृति का प्रतीक निबंध​

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Answered by maheshdahiya98
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yah question aapko khuda na chahi ge Gau Mata iske bare mein to har kisi ko pata hota hai to isliye yah question aap khud hi Karen

Answered by sunismruti
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भारतभूमि ऋषि मुनियो की तपोभूमि है। गाय भारतीय संस्कृति का प्रतिक है गाय सर्वगुण संपन्न एवं आजीविका का साधन भी है। गौ सरंक्षण वर्तमान की जरूरत है यह उदगार क्षेत्रीय विधायक शैतानसिंह राठौड़ ने शहर के जयनारायण व्यास सर्किल पर बाबा जयगुरूदेव संगत के तत्वावधान में आयोजित जन जागरण गौ रक्षार्थ नशामुक्ति शाकाहार रथो को हरी झंडी दिखाकर रवानगी करते हुए व्यक्त किए।

राठौड़ ने कहा कि नशा त्याग कर शिक्षा से जुड़े ताकि देश के विकास में सकारात्मक भूमिका निभा सके। समारोह में पोकरण नगरपालिका अध्यक्ष आनंदीलाल गुचिया ने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ गाय की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने का अभियान समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गाय भारत ही नहीं विश्व की पूजनीय है। कार्यक्रम में संगत प्रवक्ता खींयाराम चौधरी ने कहा कि नशे से समाज एवं समुदाय में नकारात्मक प्रभावों के निराकरण के उद्देश्य से 11 दिवसीय राष्ट्र व्यापी अभियान के तहत पांच गौ रक्षा रथो के माध्यम से पोकरण एवं जैसलमेर क्षेत्र के नशामुक्ति गौ संरक्षण एवं शाकाहार अपनाने का संगत कार्यकर्ता गांव-गांव ढाणी-ढाणी संदेश देंगे।

कार्यक्रम के दौरान विधायक शैतानसिंह एवं नगरपालिका अध्यक्ष उम्मेदसिंह राठौड़ ने पांच गौ रक्षार्थ नशामुक्ति रथो को अर्जुनसिंह, मुहम्मदखान, दमाराम वर्मा, नंदकिशोर जटिया, रोहित व्यास, दीपाराम सारण, गुलाबचंद, दाधीच, बींजारामख् पुष्कर शर्मा, अमृतलाल सहित कई लोग उपस्थित थे। अभियान के तहत रामदेवरा, गोमट, केलावा, सांकड़ा, नाचना में प्रचार प्रसार किया गया।

नाचना कस्बे में रविवार को जयगुरुदेव संगत के तत्वाधान में आयोजित जनजागरण गौ रक्षार्थ नशा मुक्ति शाकाहार रथो को नाचना में बीजेपी के एसटी मोर्चा मण्डल अध्यक्ष देवाराम भील अवाय समाज सेवी ललित खत्री ने हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया। कार्यक्रम के संयोजक खिंयाराम चौधरी ने बताया कि रथ 3 दिसम्बर से 13 दिसम्बर तक बाड़मेर और जैसलमेर दोनों जिलो के कई गावो और ढाणियों में जाकर नशे से समाज एवं समुदाय में नकारात्मक प्रभावों के निराकरण के उद्देश्य से 11 दिवसीय अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के माध्यम से गाय को राष्ट्रीय पशु बनाने ,शराब छोड़ने, शाकाहारी बनने, माता- पिता की सेवा करना बड़ो का समान करना तथा भारत को फिर से विश्व गुरु बनाना। इस कार्यक्रम के दौरान अर्जुनसिंह राजपुरोहित, हसन खां सतारु फांटा सहित कई लोग उपस्थित थे।

मोहनगढ़ | गायविश्व की पूजनीय है गाय का आर्थिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है। गौर हत्या पर पूर्णत: प्रतिबंध की आज के समय में महती आवश्यकता है। यह उद्गार बजरंग दल के प्रमुख विक्रमसिंह भाटी ने जय गुरुदेव संगत के तत्वाधान में आयोजित गौर रक्षार्थ नशा मुक्ति शाकाहार जन जागरण सघन प्रचार अभियान को हरी झंडी दिखाते हुए व्यक्त किए। नशा नाश की जड़ है। नशे पर नियंत्रण वर्तमान की महत्ती आवश्यकता है। कार्यक्रम संयोजक खींयाराम चौधरी ने बताया कि जन जागरण अभियान के तहत गौर कल्याण नशा मुक्ति एवं शाकाहार अपनाने को लेकर गांव गांव संदेश दिया जा रहा है। इस अवसर पर मगसिंह सुल्ताना, मूलाराम माली, बगताराम सारण, नंदकिशोर जटिया, भूराराम सियागसहित कई कार्यकर्ता शामिल थे।

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