Hindi, asked by bhimdhungana895, 1 month ago

गाय के पक्ष या विपक्ष में एक अनुच्छेद लिखिए​

Answers

Answered by sharnjeetkaur922
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Answer:

भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। गाय एक पालतु पशु है। और भी बहुत पालतु जानवर है, लेकिन उन सबमें गाय का सर्वोच्च स्थान है। प्राचीन काल से ही गौ माता को देवी सदृश समझा जाता है। हर मंगल कार्य में गाय के ही चीजों का प्रयोग होता है। यहां तक की गाय के उत्सर्जी पदार्थ (गोबर, मूत्र) का भी इस्तेमाल होता है। जिसे पंचगव्य(दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र) की उपमा दी गयी है। इन तत्वों का औषधिय महत्व भी है। बहुत सारी दवाईयों के निर्माण में घी और गोमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है।

गाय की संरचना

गाय की शारीरिक संरचना में गाय के दो सींग, चार पैर, दो आंखे, दो कान, दो नथुने, चार थन, एक मुंह और एक बड़ी सी पूँछ होती है। गाय के खुर उन्हें चलने में मदद करते हैं। उनके खुर जुते का काम करते है। और चोट और झटकों आदि से बचाते है। गाय की प्रजातियां पूरे विश्व भर में पाईं जाती है। कुछ प्रजातियों में सींग बाहर दिखाई नहीं देते। दुग्ध उत्पादन में भारत का समुचे विश्व में पहला स्थान है। गाय का दूध बेहद लाभदायक और पौष्टिक होता है।

उपसंहार

गाय की कई प्रजातियां भारत में पाईं जाती है। मुख्य नस्लों में ‘सहिवाल’ जोकि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली उत्तर प्रदेश और बिहार के क्षेत्रों में मिलती हैं। ‘गिर’ दक्षिण काठियावाड़ में, ‘थारपारकर’ राजस्थान के जोधपुर, जैसलमेर और कच्छ के इलाकों में, ‘देवनी’ प्रजाति आंध्र प्रदेश और कनार्टक में, ‘नागौरी’ राजस्थान के नागौर जिले में, ‘सीरी’ सिक्किम और दार्जिलिंग के पर्वतीय प्रदेशों में, ‘नीमाड़ी’ मध्य-प्रदेश में, ‘मेवाती’ प्रजाति (हरियाणा), ‘हल्लीकर’ प्रजाति (कर्नाटक), ‘भगनारी’ प्रजाति (पंजाब), ‘कंगायम’ प्रजाति (तमिलनाडु), ‘मालवी’ प्रजाति (मध्यप्रदेश), ‘गावलाव’ प्रजाति (मध्यप्रदेश), ‘वेचूर’ प्रजाति (केरल), ‘कृष्णाबेली’ प्रजाति (महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश) में पाए जाते हैं।

निबंध – 2 (400 शब्द)

प्रस्तावना

गाय का दूध अति पौष्टिक होता है। नवजात शिशु भी, जिसे कुछ भी पिलाना मना होता है, उसे भी गाय का दूध दिया जाता है। शिशु से लेकर वृध्दावस्था तक हर उम्र के लोगों को गाय के दूध का सेवन करना चाहिए। बहुत से रोगों से लड़ने की ये हमें ताकत देता है। शिशुओं और रोगियों को विशेष रुप से इसे पीने की सलाह दी जाती है।

उपयोगिता

वैज्ञानिक भी इसके गुणों का बख़ान करते हैं। केवल दूध ही नहीं, इसके दूध से बने अन्य उत्पाद जैसे दही, मक्खन, पनीर, छाछ सभी डेयरी उत्पाद लाभदायक होते है। जहां पनीर खाने से प्रोटीन मिलता है। वहीं गाय का घी खाने से ताकत मिलती है। आयुर्वेद में तो इसका बहुत महत्व है। अगर किसी को अनिद्रा की शिकायत हो तो नाक में घी की केवल दो-दो बूंद डालने से यह बिमारी ठीक हो जाती है। साथ ही यदि रात में पैर के तलुओं में घी लगा कर सोया जाय तो बहुत अच्छी नींद आती है।

गाय के घृत का धार्मिक महत्व है। इससे हवन-पूजन आदि किया जाता है। और हमारे ऋषि-मुनि जो कुछ भी करते थे, उन सबके पीछे वैज्ञानिक कारण अवश्य होता था। जब गाय की घी और अक्षत(चावल) को हवन कुण्ड में डाला जाता है, तब अग्नि के सम्पर्क में आने पर बहुत सारी महत्वपूर्ण गैसें निकलती है, जो वातावरण के लिए उपयोगी होती हैं। गाय के घी में रेडियोधर्मी गैस को अवशोषित करने की अद्भुत क्षमता होती है। इतना ही नहीं हवन का धुआं वातावरण को शुध्द कर देता है। रुसी वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार एक चम्मच गाय के घी को आग में डालने से लगभग एक टन ऑक्सिजन का निर्माण होता है। यह काफी हैरतअंगेज बात है।

उपसंहार

गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। जैसे हमारे देश के लिए गांवो का महत्व है, उसी प्रकार गांवो के लिए गायों का महत्व है। पिछले कुछ सालों से गाय के जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे है। इसका प्रमुख कारण है – प्लास्टिक।

शहरों में हर चीज हमें प्लास्टिक में ही मिलता है। जिसे हम प्रयोग के बाद कूड़े-कचरे में फेंक देते है। जिसे चरने वाली मासूम गायें खा लेती है, और अपनी ज़ान गवा देती हैं। हम सबको पता है कि प्लास्टिक नष्ट नहीं होता, इसलिए इसका प्रयोग सोच-समझ कर करना चाहिए। यह सिर्फ गायों के जीवन के लिए ही नहीं वरन् पर्यावरण के लिए भी जरुरी है।

Answered by prabindkumarbarnwal
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Answer:

गाय एक पालतू पशु है।गाय को माता का दर्जा प्राप्त हैं।घर के मंगल कार्यों में गाय के ही चीजों का प्रयोग होता है जिसमे गाय के उत्सर्जी पदार्थ का भी उपयोग किया जाता है ओर इसको बहुत पवित्र माना जाता हैं।इसमे पंचगव्य जेसे दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र जेसे तत्व शामिल हैं ओर इन्ही तत्वों को औषधिय महत्व भी दिया गया है।

गाय के दूध से कई प्रकार के पौष्टिक आहार बनते हैं।यह छोटे बच्चों ओर बीमार लोगों के लिए उपयोगी साबित होता हैं। गाय के दूध से हम कई प्रकार की चीज़े बना सकते है जेसे दही,पनीर,मक्खन और घी आदि।गाय का घी और cow का गोमूत्र अनेक प्रकार की आयुर्वेदिक दवाइयाँ बनाने के काम भी काम आता है।इसका गोबर सबसे उत्तम खाद्य माना जाता हैं।

गाय एक परोपकारी पशु है क्योंकि यह अपने जीवित होने पर भी सबके काम आती है ओर मरने के बाद भी काम आती हैं। गाय का चमड़ा,सींग ओर खुर से दैनिक जीवनोपयोगी vastu तैयार की जाती है तथा इसकी हड्‍डियों से खाद खेती के काम में ली जाती हैं।

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