ग) यह वचन, कलाम और वर्ड बात ही के पर्याय हैं, जो प्रत्यक्ष मुख के बिना स्थिति नहीं कर सकती। पर बात की
महिमा के अनुरोध से सभी धर्मावलम्बियों ने बिन बानी वक्ता बड़ जोगी' वाली बात मान रखी है। यदि कोई न माने
तो लाखों बातें बना के मनाने पर कटिबद्ध रहते हैं। यहाँ तक कि प्रेम सिद्धान्तो लोग निरवयव नाम से मुँहबिचकावेंगे। 'अपाणिपादो जवनो ग्रहीता' पर हठ करने वाले को यह कह के बातों में उड़ावेंगे कि 'हम लूले-लँगड़े
ईश्वर को नहीं मान सकते, हमारा प्यारा तो कोटि काम सुन्दर श्याम वर्ण विशिष्ट है।'
(i) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) वचन, कलाप और वर्ड से क्या आशय है? सभी धर्मावलम्बियों ने कौन-सी बात मान रखी है?
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Devi dunno dunk bro do dunnodgfgj
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या भजन कमला और वर्ड
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ककसके वचनों कय मूल्् समझय जयतय है?
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