gaane wali chidiya story summary in Hindi
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hi dear..
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गाने वाली चिड़िया पाठ का सारांश ये कहानी एक जापानी लोककथा पर आधारित है, जिसके माध्यम से ये बताने की कोशिश की गई है कि प्रत्येक जीव के लिये स्वतंत्रता महत्वपूर्ण न कि परतंत्रता। किसी भी प्राणी में जो भी नैसर्गिक गुण होते हैं वो स्वतंत्र रहकर ही निखरते हैं। चीन देश में एक राजा अपने बहुत बड़े और सुंदर महल में रहता था।
गाने वाली चिड़िया पाठ का सारांश
ये कहानी एक जापानी लोककथा पर आधारित है, जिसके माध्यम से ये बताने की कोशिश की गई है कि प्रत्येक जीव के लिये स्वतंत्रता महत्वपूर्ण न कि परतंत्रता। किसी भी प्राणी में जो भी नैसर्गिक गुण होते हैं वो स्वतंत्र रहकर ही निखरते हैं।
चीन देश में एक राजा अपने बहुत बड़े और सुंदर महल में रहता था। उसके महल की प्रसिद्धि दूर-दूर तक थी। उस राजा के महल के पास वाले जंगल में एक गाने वाली चिड़िया रहती थी, जो बहुत अच्छा गाती थी। राजा ने जब उस चिड़िया के गाने के बारे में सुना तो उसने दरबारियों को आज्ञा दी कि वो उस चिड़िया का गाना सुनना चाहता है, इसलिये उस चिड़िया को पकड़कर लेकर आओ। राजा के दरबारी चिड़िया को ढूंढने लगे। ढूंढते-ढूंढते उन्हे एक लड़की मिली जो उस चिड़िया को जानती थी। वो लड़की राजा के दरबारियों को उस चिड़िया के पास ले गई। जंगल में लड़की और दरबारियों ने चिड़िया का गाना सुना और मंत्रमुग्ध हो गये। लड़की ने जब चिड़िया को कहा कि राजा उसका गाना सुनना चाहते हैं तो चिड़िया राजी हो गई और राजा के महल में आने को तैयार हो गई। जब राजा का दरबार लगा तो चिड़िया वहां आई और अपनी मधुर आवाज में गाना गाने गाने लगी। सभी उसका गाना सुनकर मंत्रमुग्ध हो गये। गाना सुनकर राजा की आँखों में आँसू आ गये। राजा ने चिड़िया को अपने पास ही रहने को कहा तो चिड़िया राजी हो गई। चिड़िया को एक सोने पिंजरा बनवाया गया और चिड़िया उसमें रहने लगी।
एक दिन राजा को जापान के सम्राट से एक उपहार मिला। वो उपहार एक सोने की चिड़िया वाला खिलौना था। जो चाबी भरने गाने गाती थी और अपने सोने के पंख फड़फड़ाती थी। राजा उस उपहार को पाकर प्रसन्न हुआ। असली गाने वाली चिड़िया को पिंजरे में रहना अच्छा नही लगा और वो जंगल की ओर उड़ गयी।
यूं ही पांच वर्ष बीत गये। एक बार राजा बहुत बीमार पड़ा। खिलौने वाली चिड़िया का गाना सुनकर भी राजा को कोई लाभ नही हुआ। एक दिन असली गाने वाली चिड़िया महल में आई और अपना गाना सुनाने लगी। गाना सुनकर राजा को राहत मिली। उसने चिड़िया को महल में रह जाने को कहा लेकिन चिड़िया ने कहा कि उसे आजादी से घूमकर सब लोगों को अपना गाना सुनाने में मजा आता है अतः वो महल में नही रह सकती लेकिन वो राजा को रोज गाना सुनाने को आ जाया करेगी। राजा ये सुनकर बहुत खुश हुआ। वो चिड़िया का गाना सुनकर धीरे-धीरे एकदम भला-चंगा हो गया। चिड़िया का त्याग और परोपकार देखकर राजा भी अपनी प्रजा का और अच्छे से ध्यान रखने लगा।