gadyaanshei 'shipanti' kriyapadasya kartripadam Kim asti?
Answers
Answer:
MattH, partaram’, na, anyat’, kinchit’, asti, Dhananjay,
Mayi, sarvam’, idam’, protam’, sootre, manignaH, iv ||7||
Translation: (Dhananjay) Oh Dhananjay! Above-mentioned (mattH) principle (anyat’) other (kinchit’) any (partaram’) prime cause (na) not (asti) is (idam’) this (sarvam’) whole universe (sootre) in thread (manignaH) gems (iv) like (mayi) in me (protam’) is strung. (7)
Translation
Oh Dhananjay! There is no other prime cause than the above-mentioned principle. This whole universe is strung in me like gems in thread.
मत्तः, परतरम्, न, अन्यत्, कि×िचत्, अस्ति, धनजय,
मयि, सर्वम्, इदम्, प्रोतम्, सूत्रो, मणिगणाः, इव।।7।।
अनुवाद: (धनजय) हे धनजय! उपरोक्त (मत्तः) अर्थात् सिद्धान्त से (अन्यत्) दूसरा (कि×िचत्) कोई भी (परतरम्) परम कारण (न) नहीं (अस्ति) है। (इदम्) यह (सर्वम्) सम्पूर्ण जगत् (सूत्रो) सूत्रामें (मणिगणाः) मणियोंके (इव) सदृश (मयी) मुझ में (प्रोतम्) गुँथा हुआ है। (7)
केवल हिन्दी अनुवाद: हे धन×जय! उपरोक्त अर्थात् सिद्धान्त से दूसरा कोई भी परम कारण नहीं है। यह सम्पूर्ण जगत् सूत्रामें मणियोंके सदृश मुझ में गुँथा हुआ है। (7)