गए गट्याश-1 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे है।
सुख विश्वास से उत्पन्न होता है। सुख जड़ता से भी उत्पन्न होता है। पुराने जमाने के लोग मुखी इसलिए थे
कि ईश्वर की सता में उन्हें विश्वास था। उस जमाने के नमूने आज भी है, मगर वे महानगरों में कम मिलते
है। उनका जमघट गाँजों, कस्बों या छोटे-छोटे नगरी में है। इनके बहुत अधिक असतुष्ट न होने का कारण यह है
कि जो चीज़ उनके बस में नहीं है, उसे वे अहश्य की इच्छा पर छोड़कर निश्चित हो जाते हैं। इसी प्रकार सुखी
वे लोग भी होते हैं, जो सच्चे अयों में जड़तावादी है. क्योंकि उनकी आत्मा पर कठखोदी चिडिया चौच नहीं मारा
करती, किंतु जो न जड़ता को स्वीकार करता है, न ईश्वर के अस्तित्व को तथा जो पूरे मन से न तो जड़ता का
त्याग करता है और न ईश्वर के अस्तित्व का, असली वेदना उसी संदेहवादी मनुष्य की वेदना है। पश्चिम का
आधुनिक बोध इसी पीड़ा से ग्रस्त है। वह न तो मनुष्य भैस की तरह खा-पीकर संतुष्ट रह सकता है न अश्य
का अवलब लेकर चितामुक्त हो सकता है। इस अभागे मनुष्य के हाथ में न तो लोक रह गया है, न परलोक।
लोक इसलिए नहीं कि वह मैस बनकर जीने को तैयार नहीं है और परलोक इसलिए नहीं कि विज्ञान उसका
समर्थन नहीं करता। निदान, सदेहवाद के झटके खाता हुआ यह आदमी दिन-रात व्याकुल रहता है और रह-
रहकर आत्महत्या की कल्पना करके अपनी व्याकुलता का रेचन करता रहता है।
निम्नलिखित में से निर्देशनुसार सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए :-
(क) सुख किजसे उत्पन्न होता है?
(0 विश्वास
(8) जड़ता
(iv) कोई नहीं
(ख) गाँवों में लोग असंतुष्ट नहीं है क्योंकि
(0) वे अदृश्य पर अपनी चिता छोड़ देते हैं।
(0) उनके पास सभी सुविधाएँ हैं।
(1) वे शक्तिशाली हैं।
(iv) कोई नहीं।
(ग) सुखी ते होते है जो
() जड़ता को स्वीकार नहीं करते
(6) ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करते
(iv) कोई नहीं
(घ) पश्चिम का आधुनिक बोध किससे पीड़ित है
(0 संदेहबाटी इष्टि
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Answer:
(k) vishwas
(kh) kyunki ve adrishy par apni chinta chod dete h
(g) koi nahi
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