गए है, उन्हें नम्रतापूर्वक शर्त की याद दिलाते हुए पत्र लिखिए
3. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढिए तथा उसके नीचे लिखें प्रश्नों के उतर दीजिए। उतर यथासंभव छ
आपके अपने शब्दों में लिखिए।-
वैसे तो अपनी प्रशंसा सुनना प्रत्येक व्यक्ति को अच्छा लगता है, परंतु राजा ब्रह्मदत्त अपनी प्रशंसा
सुनकर तंग आ गए थे। वे चाहते थे कि कोई उन्हें उनके अवगुणों से भी परिचित कराए। एक दिन इसी
उद्देश्य की पूर्ती हेतु वे भेस बदलकर राज्य में घूमने निकल पड़े। चलते-चलते वे एक आश्रम के पास पहुँचे।
वह आश्रम महात्मा बोधिसत्व का था। वे आश्रम के अन्दर गए और महात्मा बोधिसत्व को श्रद्धापूर्वक प्रमाण
करके बैठ गए। उसके पश्चात बोधिसत्व ने उन्हें आतिथ्य प्रदान करते हुए खाने के लिए कुछ कंद- मूल्न तथा
फल दिए। इतने स्वादिष्ट फलों को रखकर राजा हैराज रह गए। फिर उन्होंने पानी पीकर अपनी प्यास
बुझाई। राजा ब्रह्मदत्त ने अपनी जिज्ञासा को शांत करते हुए पूछा- “भगवन' । इतने अमृत तुल्य फल तो
मैंने आज तक नहीं चखे। इसका क्या रहस्य है? बोधिसत्व ने उतर दिया- "आत्मन"। ऐसा प्रतीत होता है,
इस राज्य का राजा धर्म और न्याय के अनुसार ही शासन करता है। इसीलिए यह फल मधु से भी मीटे हैं।
यदि ऐसा न हो तो पूरे राज्य में अव्यवस्था फैल जाएगी तबा संपूर्ण राष्ट्र निर्बल हो जाएगा राजा के अधर्मी
Answers
Answered by
2
Answer:
hi guys I am asking you to the question of whether the use of the following trees and shrubs and trees and shrubs and trees and shrubs and trees and shrubs and trees and shrubs and trees in a painter who have a great time in my life and trees in the backyard with the Sufi saint of the following trees and shrubs and trees and shrubs you can get the following sentences in my opinion we prefer not sentences in the world and trees in a sweet and trees in a sweet and sour chicken with the
Answered by
0
Answer:
ye answer pura galat he koi bhi mat karna
Similar questions