Hindi, asked by arfingian1, 7 months ago

गगन उगलता आग हो,
छिड़ा मरण का राग हो,
लहू का अपना फाग हो,
अड़ो वहीं,
गड़ो वहीं,
बढ़े चलो
बढ़े चलो।।

give the meaning​

Answers

Answered by kmdpasha123
1

Answer:

this is the poem about bhakti geet.

Explanation:

may the sky be burning,

Or death song be sung,

may there be play of blood splashing,

insist on, stand there,

walk on, walk on ||

hope it helped you

please mark me as Branliest

Answered by richaagarwal112233
0

Answer:

इस कविता में कवि सोहन लाल द्विवेदी जी यह कहना चाहते हैं कि हमें हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए। चाहे हमारे मार्ग में कितनी भी बाधाएं आए हमें कभी भी रुकना नहीं चाहिए। कवि उदाहरण के तौर पर कहते हैं कि चाहे हमारे इस आकाश से आग भी क्यों न बरसे,चाहे मरण का राग ही क्यों नहीं छोड़ जाए अर्थात किसी की मौत हो जाए और उससे हम दुखी हो, चाहे हमारे लहू का उफान भी क्यों ना आ जाए, हमको अपने रास्ते पर अड़े रहना है उससे पीछे नहीं हटना है सिर्फ आगे ही आगे बढ़ते रहना है।

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