गहांश मे विलोम शब्दो की जोडी बना कर लिखिए.
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जिसे रॉर्शोक स्याही का धब्बा परीक्षण, रॉर्शो तकनीक, या सिर्फ स्याही का धब्बा परीक्षण के नाम से भी जाना जाता है, एक मनोवैज्ञानिक परीक्षण है जिसमें किसी विषय (व्यक्ति) की विभिन्न स्याही का धब्बों से संबंधित धारणाओं को दर्ज कर मनोवैज्ञानिक व्याख्याओं या वैज्ञानिक रूप से व्युत्पन्न जटिल एल्गोरिदम या फिर दोनों का उपयोग कर विश्लेषण किया जाता है।
कुछ मनोवैज्ञानिक इस परीक्षण का प्रयोग कर किसी व्यक्ति की व्यक्तित्व विशेषताओं और भावनात्मक कार्यविधि की जांच करते हैं। इसका प्रयोग किसी अंतर्निहित सोच संबंधी विकार का पता लगाने के किया जाता है, विशेषकर उन मामलों में, जहां रोगी खुले तौर पर अपनी सोच का वर्णन करने में अनिच्छुक होते हैं। इस परीक्षण का नाम इसके सर्जक, स्विस मनोवैज्ञानिक हरमन रॉर्शोक के नाम पर रखा गया है।
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