Hindi, asked by Rituarora15, 10 months ago

गहरी नींद में बेखबर सोए लोगों को कवि किस प्रकार जगाना चाहता है?
Jagran Geet Poem Question

Answers

Answered by neharajesh578
6

Answer:

इस जागरण गीत में कवि असावधान और बेखबर लोगों को सोने के बदले जागने और पतन के रास्ते चलने के बदले प्रगति पथ पर आगे बढने का सन्देश देता है. उसका मानना है कि कल्पना-लोक में विचरण करने वालों को ठोस धरती की वास्तविकताओं को जानना चाहिए. कवि रास्ते में रुके हुए और घबराए हुए लोगों को साहस देना चाहता है.

अब न गहरी नींद में तुम सो सकोगे, 

गीत गाकर मैं जगाने आ रहा हूँ !

अतल  अस्ताचल तुम्हें जाने न दूँगा,

अरुण उदयाचल सजाने आ रहा हूँ .

कल्पना में आज तक उड़ते रहे तुम,

साधना से सिहरकर मुड़ते रहे तुम.

अब तुम्हें आकाश में उड़ने न दूँगा, 

आज धरती पर बसाने आ रहा हूँ .

सुख नहीं यह, नींद में सपने सँजोना, 

दुख नहीं यह, शीश पर गुरु भार ढोना.

शूल तुम जिसको समझते थे अभी तक,

फूल  मैं  उसको  बनाने  आ  रहा हूँ .

देख कर मँझधार को घबरा न जाना,

हाथ ले पतवार को घबरा न जाना . 

मैं किनारे पर तुम्हें थकने  न दूँगा, 

पार मैं तुमको लगाने आ रहा हूँ.

तोड़ दो  मन में कसी सब श्रृंखलाएँ

तोड़ दो मन में बसी संकीर्णताएँ. 

बिंदु  बनकर मैं तुम्हें ढलने न दूँगा, 

सिंधु बन तुमको उठाने आ रहा हूँ.

तुम उठो, धरती उठे, नभ शिर उठाए,

तुम चलो गति में नई गति झनझनाए.

विपथ होकर मैं तुम्हें मुड़ने न दूँगा, 

प्रगति के पथ पर बढ़ाने आ रहा हूँ.

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