'गजल' का प्रतिपाद्य लिखिए ?
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गजल' का प्रतिपाद्य लिखिए। 'गजल” नामक इस विधा में कवि राजनीतिज्ञों के झूठे वायदों पर व्यंग्य करता है कि वे हर घर में चिराग उपलब्ध कराने का वायदा करते हैं, परंतु यहाँ तो शहर में ही चिराग नहीं है। कवि को पेड़ों के साये में धूप लगती है अर्थात् आश्रयदाताओं के यहाँ भी कष्ट मिलते हैं।
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ग़ज़ल अरबी कविता में उत्पन्न होने वाली कविता या ओदे का एक रूप है।
Explanation:
- एक ग़ज़ल को नुकसान या अलगाव के दर्द और उस दर्द के बावजूद प्यार की सुंदरता दोनों की काव्य अभिव्यक्ति के रूप में समझा जा सकता है।
- ग़ज़ल रूप प्राचीन है, इसकी उत्पत्ति 7वीं शताब्दी की अरबी कविता से हुई है।
- अधिकांश ग़ज़लों में सात से बारह बेट्स होते हैं।
- परंपरागत रूप से उदासी, प्रेम, लालसा और आध्यात्मिक प्रश्नों का आह्वान करते हुए, ग़ज़लें अक्सर ईरानी, भारतीय और पाकिस्तानी संगीतकारों द्वारा गाई जाती हैं।
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