Hindi, asked by sanjubhopa24, 2 months ago

गजल के शेर छंद के लिए आवश्यक है​

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Answered by vanmalarmv
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Answer:

Explanation:

यानी ग़ज़ल के शेर में लघु के नीचे लघु गुरु के नीचे गुरु आवश्यक है लेकिन दोहे आदि मात्रिक छंदों में मात्रा गणना दोनों पंक्तियों में बराबर होंगी लेकिन क्रम बदल सकता है।

Answered by sadiaanam
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Answer:

किसी ग़ज़ल की पंक्ति से मापनी बनाने में मात्रा पतन का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है अन्यथा मापनी अशुद्ध बन सकती है और उस मापनी को आधारर बनाकर रची गयी पूरी ग़ज़ल गड़बड़ हो सकती है l

Explanation:

सोर्था लघु छंद है और दोहा विपरीत है। ग़ज़ल के शेर में लघु के अंतर्गत गुरु आवश्यक है, परन्तु दोहे में दोनों पंक्तियों में मात्राएँ समान होती हैं, परन्तु क्रम बदल सकता है।

यदि आप ग़ज़ल व्याकरण से परिचित नहीं हैं तो निराश न हों; आप अभी भी नकल के साथ शुरुआत करके सटीक ग़ज़लों का उच्चारण और लेखन कर सकते हैं। —- (1) एक प्रसिद्ध कवि की पसंदीदा ग़ज़ल को लयबद्ध रूप से गाकर शुरू करें; इसे गुनगुनाना सुखद लगता है और इस फिल्मी ग़ज़ल की तरह अपने सिर में लय बनाए रखना। चांदनी रातें हमें जगाए रखती हैं। आपके प्यार भरे शब्द हमें सोने से रोकते हैं। (2) इस ताल में "शेर" का उच्चारण करना शुरू करें; कुछ उदाहरणों में शामिल हैं: (3) एक ग़ज़ल में कम से कम पाँच शेर होने चाहिए, जिनमें से प्रत्येक में दो पंक्तियाँ (मिसरे) और एक पूरी कहानी होनी चाहिए।

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#SPJ3

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