Hindi, asked by luckyriya2, 8 months ago

गजधरः इति सुन्दरः शब्द: तडागनिर्मातॄणां सादरं स्मरणार्थम्। राजस्थानस्य केषुचिद्
भागेषु शब्दोऽयम् अद्यापि प्रचलति। क: गजधरः? य: गजपरिमाणं धारयति स गजधरः।
गजपरिमाणम् एव मापनकार्ये उपयुज्यते। समाजे
त्रिहस्त- परिमाणात्मिकी लौहयष्टिं हस्ते गृहीत्वा
चलन्तः गजधराः इदानीं शिल्पिरूपेण नैव
समादृताः सन्ति। गजधरः, य: समाजस्य गाम्भीर्य
मापयेत् इत्यस्मिन् रूपे परिचितः।
1.bhavart karo?​

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Answered by aparnajha13052004
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Explanation:

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Answered by dgmellekettil
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Answer:

अर्थ-गजधर यह सुंदर शब्द तालाब बनाने वालों(अर्थात्) निर्माताओं के सादर स्मरण के लिए है।

राजस्थान के कुछ भागों में यह शब्द आज भी प्रचलित है।

गजधर कौन होता है? जो गज के माप को धारण करता है वह गजधर होता है।

गज का माप ही नापने के काम में उपयोगी होता है। समाज में तीन हाथ के बराबर (नाप वालों) लोहे की छड़ को हाथ में चलते हुए गजधर आजकल कारीगर के रूप में आदर नहीं पाते हैं।

गजधर अर्थात् जो समाज की गंभीरता (गहराई) को नापें (नाप ले) इसी रूप में जाने जाते हैं।

Explanation:

  • भावार्थ - प्रस्तुत निबंध का अंश संसार सागरस्य नायका: इस पाठ से उद्धृत है।
  • इस पाठ के माध्यम से लेखक कहना चाहते हैं की गजधर बहुत ही सुंदर शब्द है।
  • गजधर वह है जो समाज की गहराई नाप ले, इस पाठ के अनुसार इसी रूप में गजधर जाने जाते हैं, परंतु यह प्राचीन समय में था, आज के समय में नहीं।
  • गज धर बहुत ही सुंदर शब्द है जो तालाब बनाने वालों(निर्माताओं)के लिए एक उपाधि के रूप में उन्हें दी गई है।
  • अभी भी राजस्थान के कुछ भागों में गजधर शब्द प्रचलित है,पर समाज में यह गौण हो गया है और उसका नाम बदलकर आजकल राजमिस्त्री,अमीन, इंजीनियर, ठेकेदार इत्यादि में प्रचलित हो गया।
  • प्राचीन समय में गजधर वास्तव में वास्तुकार माने जाते थे।
  • गांव ,नगर, समाज में कोई भी निर्माण का कार्य हो,उस नव- निर्माण और रख-रखाव की जिम्मेदारी उन गजधरों की थी और इस जिम्मेदारी को वह बहुत ही बखूबी से निभाते थे।
  • नव- निर्माण के लिए गजधर पहले योजना बनाते थे, उसके बाद उस कार्य की लागत निकालते थे , उसके बाद काम में लगने वाली सामग्री उठाते थे।
  • इन सबके बदले वे जजमान से कुछ ऐसा नहीं मांगते थे ,जो वह दे नहीं पाए और जजमान भी जो आसानी से दे पाते थे उसे भेंट के रूप में आदर पूर्वक देते थे।
  • कहने का तात्पर्य है कि गजधर को भी जो आदर पूर्वक ज्यादा या कम भेंट के रूप में दिया जाता था, उसे वे आदर पूर्वक स्वीकार करते थे।
  • भेंट के साथ में सम्मान भी मिलता था जिसे राजस्थान में सरोंपा कहा जाता था परंतु समाज में आज इस समय गजधर आदर की दृष्टि से नहीं देखे जाते हैं।

इस पाठ की अधिक जानकारी के लिए:

https://brainly.in/question/24918294

https://brainly.in/question/3334219

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